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मध्य प्रदेश में शपथ ग्रहण में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन

मध्य प्रदेश में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के मंत्रिमडल गठन के लिए राजभवन में आयोजित शपथ ग्रहण समारोह में सोशल डिस्टेंसिंग का नजारा भी नजर आया। मंत्रियों से लेकर मुख्यमंत्री और राज्यपाल लालजी टंडन एक दूसरे से एक मीटर से ज्यादा की दूरी पर ही नजर आए।

राजभवन में कोरोना संक्रमण काल के दौरान आयोजित शपथ ग्रहण समारोह के मंच पर राज्यपाल टंडन के अलावा मुख्यमंत्री चौहान की ही कुर्सी थी। वहीं बारी-बारी से पांचों नेताओं नरोत्तम मिश्रा, तुलसीराम सिलावट, कमल पटेल, गोविंद सिंह राजपूत व मीना सिंह ने मंत्री पद की शपथ ली।

इतना ही नहीं सभी मंत्रियों ने राज्यपाल और मुख्यमंत्री से दूरी बनाते हुए ही अभिवादन किया।

वहीं शपथ ग्रहण के बाद एक फोटो सेशन हुआ, जिसमें भी सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान रखा गया। राज्यपाल, मुख्यमंत्री व मंत्रियों को निर्धारित दूरी पर बैठे थे और एक दूसरे की कुर्सी एक मीटर से ज्यादा की दूरी पर थी।

इतना ही नहीं मंच के सामने दर्शक दीर्घा में मौजूद लोगों को भी निर्धारित दूरी पर बैठने की व्यवस्था की गई थी और गिनती के लोग ही इस आयोजन में हिस्सा लेने पहुंचे थे।

कोरोना संक्रमण के चलते मंत्रिमंडल का आकार छोटा रखा गया है और इस बीमारी से बचने का सबसे बड़ा हथियार सोशल डिस्टेंसिंग को माना गया है। इसका मंत्रिमंडल गठन के समय पूरा पालन किया गया।

मंत्रिमंडल गठन में क्षेत्र के प्रतिनिधित्व का ध्यान रखा गया है। नरोत्तम मिश्रा का ग्वालियर-चंबल से नाता है, तुलसी सिलावट मालवा से हैं, गोविंद राजपूत बुंदेलखंड से हैं, मीना सिंह महाकौशल व विंध्य और कमल पटेल निमांड इलाके से आते हैं। साथ ही जातीय समीकरण को भी महत्व दिया जा रहा है।

ज्ञात हो कि मुख्यमंत्री पद की शपथ शिवराज सिंह चौहान ने 23 मार्च को ली थ्ीा। वर्तमान में राज्य कोरोना की महामारी से जूझ रहा है। इसी के चलते छोटे मंत्रिमंडल का गठन हो रहा है। नव गठित मंत्रिमंडल में दो सदस्य सिलावट व राजपूत भाजपा में अभी हाल ही में आए ज्योतिरादित्य सिंधिया के समर्थक हैं।

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