दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने रविवार को प्रवासियों से शहर में ही रहने का आग्रह किया और कहा कि अगर आवश्यक होगा, तो उनकी वापसी के लिए भी व्यवस्था की जाए।
मीडिया को जानकारी देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि देश भर से प्रवासी श्रमिकों के बयान बता रहे हैं कि पूरी प्रणाली विफल हो गई है।
केजरीवाल ने कहा, प्रवासी बड़ी संख्या में आगे बढ़ रहे हैं। उनके बयानों से पता चलता है कि प्रणाली विफल हो गई है, सभी सरकारें विफल रही हैं। हम उनके रहने, भोजन और नौकरियों (दिल्ली में) के लिए सभी व्यवस्था कर रहे हैं। मैं दिल्ली में सभी प्रवासियों से आग्रह करता हूं कि यहीं रुकें।
उन्होंने यह भी कहा कि अगर किसी को जाना है तो दिल्ली सरकार उनके लौटने की व्यवस्था कर रही है। उन्होंने कहा, कुछ समय के लिए रुकें, रेल की पटरियों और सड़कों पर इतने दिनों तक चलना सुरक्षित नहीं है।
केजरीवाल ने कहा कि जिन्हें कोरोना संक्रमण या हल्के लक्षण भी हैं, वे अपने घरों में ही रहें।
उन्होंने कहा, कोरोनावायरस का कोई इलाज नहीं है। घरों में एकांतवास में रखे गए लोग चिकित्सा कर्मचारियों के संपर्क में हैं। दिल्ली में कोराना के कुल मामलों में गंभीर स्थिति में कम हैं और बेहद नाजुक हालत में इससे भी कम।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार ने निजी अस्पतालों की एम्बुलेंस को भी सेवाओं में शामिल किया है। उन्होंने कहा, वे अपने अस्पतालों के लिए काम करना जारी रखेंगी और वे सरकार की मांग के अनुसार भी काम करेंगी।
केजरीवाल ने कहा कि जो कोरोना योद्धा सबसे अगली पंक्ति में खड़े होकर कोविड-19 की लड़ाई लड़ रहा है, उसका इलाज फाइव-स्टार होटलों में किया जाएगा। उन्होंने कहा कि कई फ्रंटलाइन वर्कर्स हैं और यह सरकार का कर्तव्य है कि वह उनकी सुरक्षा के लिए हर संभव प्रयास करे।
उन्होंने कहा, अगर कोई भी कोविड योद्धा बीमार है तो उनका इलाज राजीव गांधी अस्पताल से जुड़े पांच सितारा होटलों की विस्तारित सेवाओं में किया जाएगा। विपक्ष ने आदेश का मजाक उड़ाया। अगर हम योद्धाओं पर पांच-दस करोड़ रुपये खर्च कर देते हैं तो क्या नुकसान है? उन्हें क्या आपत्ति है। यह समय राजनीति का नहीं है।
उन्होंने कहा, यह राजनीति करने का समय नहीं है, बल्कि एक साथ खड़े होने का समय है। मैं सभी से अनुरोध करता हूं कि कोई भी राजनीतिक बयान देने से बचें। दिल्ली में रविवार की सुबह तक कोरोना संक्रमित लोगों की संख्या 6,950 के करीब पहुंच गई है।