प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बेहद खास आरोग्य सेतु एप और नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत अब राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की सहयोगी संस्था स्वदेशी जागरण मंच के निशाने पर आ गए हैं।
नई ई-फार्मा कंपनियों और आरोग्य सेतु एप के बीच लिंक है, जिसका प्रचार कांत करते हुए दिखाई दे रहे हैं।
3 मई को कांत ने एक ट्वीट किया था, आरोग्यसेतु अब आपके लिए ऑनलाइन चिकित्सा परामर्श देगा, आप कॉल और वीडियो के माध्यम से अपनी जरूरत के अनुसार डॉक्टर से परामर्श ले सकते हैं। आप आरोग्यसेतु मित्र के द्वारा होम लैब टेस्ट और घर बैठे दवा मंगवा सकते हैं। नीति आयोग और भारत सरकार इस नई सुविधा को विकसित करने, सहयोग और साझेदारी में मदद कर रही है।
आरएसएस की आर्थिक शाखा स्वदेशी जागरण मंच के संयोजक अश्विनी महाजन ने ट्विटर पर अपने पोस्ट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को टैग करते हुए कांत पर आरोप लगाया कि आरोग्य सेतु ऐप ई-फॉर्मा कंपनियों को बढ़ावा दे रही है जो भारी मात्रा में डिस्काउंट दे रही हैं, और इससे पड़ोस की मेडिकल स्टोर्स पर संकट दिखने लगा है।
महाजन के अनुसार, कोरोनावायरस के संपर्क ट्रेसिंग के लिए उपयोग किए जाने वाले आरोग्य सेतु एप के होम पेज पर कई ई-फार्मेसियों की ओर से लिंक जाता है।
स्वदेशी जागरण मंच के एक कार्यकर्ता ने बताया कि आरोग्य सेतु एप के होम पेज पर हाल ही में आरोग्यसेतु मित्र नाम का एक लिंक जोड़ा गया है। अगर कोई एप सब्सक्राइबर इस पर क्लिक करता है तो एक डायलॉग बॉक्स खुलता है जिसमें वह यह बताता है कि यह पेज एप के बाहर खुलेगा।
उन्होंने सोशल मीडिया पर अदालती आदेश को पोस्ट किया है।
यह आदेश 18 दिसंबर, 2018 को जारी किया गया था, जिसमें दिल्ली हाईकोर्ट ने फैसला सुनाया था कि बिना लाइसेंस के दवा की ऑनलाइन बिक्री नहीं की जा सकती। सरकार ने हाल ही में ई-कॉमर्स कंपनियों को गैर-आवश्यक वस्तुओं की डिलीवरी को मंजूरी दी है।
एसजेएम के अधिकारी ने अपने ट्वीट में कहा, आदरणीय नरेंद्र मोदी जी, कृपया देखें, नीति आयोग के सीईओ, आरोग्य सेतु एप के माध्यम से ई-फार्मेसियों को बढ़ावा दे रहे हैं, जो भारत में अवैध रूप से कार्य कर रही हैं। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि कोरोनावारस से लड़ने के लिए यह एप विदेशी वित्त पोषित ई फार्मासिस्टों की सेवा कर रहा है।
उन्होंने आईएएनएस से बात करते हुए ने कहा, 2018 में लोकपाल के मुद्दे पर मैं और कांत आमने-सामने आए। जबकि कांत ने सुझाव दिया था कि काले धन पर अंकुश लगाने के लिए देश में लोकपाल की जरूरत नहीं है। लेकिन मैंने इस सुझाव को खारिज कर दिया था कि लोकपाल के बजाय नियमों का सरलीकरण भारत की काले धन की समस्या को हल कर सकता है, जबकि तत्कालीन गृहमंत्री राजनाथ सिंह की उपस्थिति में एक पैनल चर्चा के दौरान इस मुद्दे पर चर्चा की गई थी।
उन्होंने कांत पर निशाना साधते हुए कहा था, हम उनका अमेजन के प्रति अटूट प्रेम से हैरान हैं।
यह पूछे जाने पर कि एसजेएम को अमिताभ कांत से चिढ़ क्यों है?
महाजन ने स्पष्ट किया, नियुक्ति सरकार का विशेषाधिकार है। लेकिन लाल झंडी दिखाना हमारी प्राथमिकता है। हमने अरविंद पनगढ़िया की भूमिका को हरी झंडी दिखाई थी। हम एसजेएम में सरकार द्वारा नियुक्त सभी लोगों से देश हित में काम करने की अपेक्षा करते हैं। हम उन लोगों की आलोचना करना जारी रखेंगे जो हमें लगता है कि उम्मीद के मुताबिक काम नहीं कर रहे हैं।