कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि अर्थव्यवस्था ‘डूब रही है’ लेकिन सरकार बैंकों में जमा बचत और सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों की सावधि जमा दरों को कम करके आम आदमी की बचत और आय को लगातार घटा रही है।
कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने एक बयान में कहा , “31 मार्च को ब्याज दरों में कटौती के फैसले का प्रभाव यह है कि जमाकर्ताओं की प्रतिवर्ष 19,000 करोड़ रुपये की आय का नुकसान।”
सुरजेवाला ने कहा कि मध्यम वर्ग और निम्न मध्यम वर्ग आर्थिक परेशानी में हैं। लॉकडाउन के दौरान ब्याज दरों को कम करने और आरबीआई बांड्स को बंद करने का निर्णय ‘बिना सोचे-समझे, हृदयहीन और बेशर्म फैसला है।’ पहले से ही मौजूद आर्थिक संकट कोरोना के कारण और बढ़ा है और लोगों की आय कम हुई है।
उन्होंने कहा कि पीपीएफ, केवीपी, एनएससी और अन्य बचत साधनों में ब्याज दरों में कटौती से लगभग 30 करोड़ जमाकर्ताओं की बचत में पहले ही कमी आ चुकी है, जिन्होंने विभिन्न बचत योजनाओं में 14 लाख करोड़ रुपये जमा किए हैं।
सुरजेवाला ने कहा कि मध्य वर्ग, किसानों, पेंशनभोगियों और महिलाओं के लिए नया झटका आरबीआई के 7.75 प्रतिशत बांडों को बंद किया जाना और एसबीआई द्वारा ब्याज दरों में और कमी किया जाना है।
पिछले दो महीनों में, बचत योजनाओं (पीपीएफ, एनएससी, केवीपी आदि) में 30 करोड़ जमाकर्ताओं की आय में और भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) जमाकर्ताओं के 44.51 करोड़ खाताधारकों की सालाना संयुक्त रूप से कुल कमी 44,670 करोड़ रुपये की है।
कांग्रेस ने मांग की कि सभी छोटी बचत योजनाओं, सावधि जमा (एफडी) और सेविंग बैंक डिपॉजिट पर ब्याज दरों को तुरंत 12 मार्च के पूर्व के स्तर पर बहाल किया जाना चाहिए।