भारतीय उद्योग जगत के दिग्गजों का कहना है कि भारत अर्थव्यवस्था, महामारी और सुपर चक्रवात जैसे कई संकटों से अगले 6-9 महीनों में मजबूती के साथ उबर जाएगा। उद्योगपतियों की यह राय लोगों, व्यापार और सरकार द्वारा दिखाए गए लचीले रुख के आधार पर है।
भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई), दिल्ली द्वारा आयोजित एक वेबिनार में भारतीय अर्थव्यवस्था के सामने आने वाली चुनौतियों पर व्यापार जगत के दिगग्जों ने अपने विचार साझा किए। उन्होंने कहा कि दूरसंचार और सूचना प्रौद्योगिकी, जीवन और अर्थव्यवस्था को संकट से उबरने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।
टेक महिंद्रा में कॉर्पोरेट मामले के एपीएसी बिजनेस हेड और प्रेसीडेंड सुजीत बक्शी ने कहा, “कोविड-19 ने दुनिया को बिजनेस ट्रांजिशन के लिए डिजिटल प्रैक्टिस के लिए प्रेरित किया है। आईटी ने अर्थव्यवस्था की रीढ़ के रूप में इस संकट का तुरंत जवाब दिया, क्योंकि उद्योग तैयार था और डिजिटीकरण की दिशा में काम कर रहा था।”
उन्होंने कहा कि आज 93-94 फीसदी वर्कफोर्स घर से काम कर रहा है, इसे हम अपने उद्योग के लिए अवसर के तौर पर और काम करने के तरीके में बदलाव के तौर पर देखते हैं।
आईबीएम इंडिया/साउथ एशिया की वाइस प्रेसीडेंट (सेल्स) प्रतिवा मोहपात्रा के अनुसार, नेतृत्व, अनुशासन, संवेदना और टीमवर्क अधिक आवश्यक हो जाएंगे।
उन्होंने कहा, “दूरसंचार उद्योग वर्तमान महामारी में तंत्रिका तंत्र और मांस और रक्त के रूप में उभरा है।”
सेल्युलर ऑपरेटर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (सीओएआई) के महानिदेशक राजन मैथ्यूज ने कहा कि चुनौतियां भी दूरसंचार उद्योग को स्वदेशी रूप से महत्वपूर्ण समाधानों को इनोवेट करने और बनाने का अवसर प्रदान करती हैं, जो विश्व स्तर पर पहुंच सकती हैं।
चिनटेल्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के प्रबंध निदेशक प्रशांत सोलोमन के अनुसार, लॉकडाउन ने रियल एस्टेट क्षेत्र को बहुत प्रभावित किया है जो भारत में दूसरा सबसे बड़ा नियोक्ता है।
सीआईआई दिल्ली के चेरमैन आदित्य बर्लिया ने कहा, “हम उद्योग-उद्योग के आधार पर अर्थव्यवस्था में 5 से 15 प्रतिशत के संकुचन में प्रवेश कर रहे हैं और यह आर्थिक संकट भारत के लिए अजीब है क्योंकि हमने दशकों में ऐसा कुछ अनुभव नहीं किया है।”
बर्लिया ने कहा, “हम मानते हैं कि इस साल के अगले छह महीनों में कोविड-19 के कारण उतपन्न आर्थिक समस्याओं का हल होना शुरू हो जाएगा और फिर हम चीजों को आगे बढ़ते देखेंगे।”