बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी (सुमो) ने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह की वर्चुअल रैली का विरोध करने पर बुधवार को विपक्ष को घेरा।
सुमो ने वामपंथी दलों को कटघरे में खड़ा करते हुए कहा कि गरीबों का नाम लेकर सत्ता हथियाने वाले राजद को हमेशा बिहार में उन वामपंथी दलों का साथ मिला, जिनकी राजनीति मजदूरों को गुमराह करने और मजदूर को मालिक-उद्यमी या कारखानेदार बनने से रोकने के षड्यंत्र पर चलती रही।
भाजपा नेता मोदी ने ट्वीट कर लिखा, “बिहार में जब दलितों-मजदूरों के नरसंहार हो रहे थे, मिल-कारखाने बंद होने से बेरोजगारी बढ़ रही थी, सरकार घोटालों में डूबी थी, स्कूल की जगह चरवाहा विद्यालय खुल रहे थे और मजदूर सामूहिक पलायन को विवश हो रहे थे, तब लाल झंडे वाले कम्युनिस्ट आंखें मूंदकर लालू प्रसाद का समर्थन कर रहे थे।”
उन्होंने आगे लिखा, “लालूराज के गुनाह का साथ देने के चलते जिन वामपंथियों की सियासी जमीन खिसक गई, वे आज भी राजद के साथ डफली बजा रहे हैं। भाजपा की वर्चुअल रैली का विरोध कर विपक्ष अपनी हताशा प्रकट रहा है। विपक्ष को यही नहीं पता कि वे थाली क्यों पीटना चाहते हैं।”
मोदी ने कहा कि लॉकडाउन के दौरान केंद्र ने राज्य सरकार के साथ मिलकर युद्धस्तर पर मजदूरों-गरीबों के लिए काम किए।
उन्होंने आगे लिखा, “गृहमंत्री अमित शाह गरीबों के लिए किए गए कार्य और मोदी सरकार-2 के एक साल की उपलब्धियों पर अगर वर्चुअल रैली के जरिये बिहार के लोगों से बात करना चाहते हैं, तो इसका विरोध क्यों किया जा रहा है? क्या देश के गृहमंत्री का जनता से संवाद करना अलोकतांत्रिक है? क्या वर्चुअल माध्यम का विरोध उचित है, जो अब न्यू नॉर्मल बनता जा रहा है?”
उल्लेखनीय है कि भाजपा इस महीने बिहार में दो वर्चुअल रैली करने वाली है, जिसका राजद सहित अन्य विपक्षी दल विरोध कर रहे हैं।