लॉकडाउन खुलने पर सब्जी मंडियों में सोशल डिस्टेंसिंग एक बड़ी चुनौती बन गई है। गरमी के मौसम में मंडियों में फलों और सब्जियों की आवक बढ़ गई है, पहले के मुकाबले अब खरीदार भी ज्यादा आने लगे हैं। ऐसे में मंडी प्रशासन के सामने सोशल डिस्टेंसिंग का पालन एक बड़ी समस्या है।
एशिया में फलों और सब्जियों की सबसे बड़ी थोक मंडी के रूप में मशहूर देश की राजधानी स्थित आजादपुर मंडी में जहां पिछले महीनों के दौरान कोरोना संक्रमण के करीब डेढ़ दर्जन मामले सामने आए, वहीं वहां सोशल डिस्टेंसिंग एक बड़ी चुनौती बनी हुई है।
हालांकि आजादपुर कृषि उत्पाद विपणन समिति (एपीएमसी) के चेयरमैन आदिल अहमद खान कहते हैं कि सोशल डिस्टेंसिंग निस्संदेह एक बड़ी चुनौती है, लेकिन मंडी प्रशासन शुरू से ही सख्ती से इसका पालन करवा रहा है जिसका नतीजा है, कि बीते करीब एक महीने से मंडी में कोरोना संक्रमण का कोई नया मामला सामने नहीं आया है।
खान ने कहा कि यही नहीं कोरोना संक्रतिम हुए व्यापारी भी अब स्वस्थ होकर काम पर लौट चुके हैं और वे मंडी आ रहे हैं।
उन्होंने बताया, मंडी में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने और एहतियात बरतने के लिए माइक सिस्टम से लोगों को जागरूक किया जाता है। हमने हर शेड में सिविल डिफेंस के लोगों को नियुक्त कर रखा है, जो व्यापारियों, मजूदरों और मंडी में आने वाले लोगों को कोरोना संक्रमण को लेकर समझाते हैं।
खान ने कहा, हमने व्यापारियों के साथ बैठक करके उनको बताया है कि लॉकडाउन खुल गया लेकिन कोरोना से अभी निजात नहीं मिली है, इसलिए वे एहतियात का ध्यान रखें।
मंडी प्रशासन सुरक्षा के नियमों का पालन करवा रहा है, लेकिन चैंबर ऑफ आजादपुर फ्रूट्स एंड वेजिटेबल्स एसोसिएशन के प्रेसीडेंट एम. आर. कृपलानी का कहना है कि सोशल डिस्टेंसिंग के लिए लोगों को खुद जागरूक होना होगा।
उन्होंने कहा, गरमी के मौसम में फलों और सब्जियों की आवक पहले के मुकाबले तकरीबन 20 फीसदी बढ़ गई है। जिनकी बिक्री तभी होगी, जब ज्यादा खरीदार आएंगे, इसलिए सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना एक चुनौतीपूर्ण काम है, जो सिर्फ प्रशासन नहीं करवा सकता है लोगों को इसके लिए खुद जागरूक होना होगा।
सोशल डिस्टेंसिंग का पालन आसानी हो इसके लिए क्या किया जाना चाहिए? इस सवाल पर उन्होंने कहा कि मंडी के बाहर भी ऐसी व्यवस्था की जानी चाहिए, जिससे किसान सीधे खरीदार को अपनी उपज बेच सके।
आजादपुर मंडी में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने के लिए खाली वाहनों के प्रवेश को नियंत्रित करने के लिए टोकन सिस्टम अभी भी लागू है। सुबह पांच बजे से लेकर रात नौ बजे तक तकरीबन 3000 वाहनों को टोकन दिए जाते हैं।
आजादपुर ही नहीं, दिल्ली की अन्य मंडियों जैसे ओखला मंडी और गाजीपुर मंडी में भी सोशल डिस्टेंसिंग के लिए मंडी प्रशासन की ओर से खास ध्यान रखा जा रहा है। हालांकि ओखला मंडी के एक कारोबारी ने भी बताया कि मंडी में फलों और सब्जियों की आवक बढ़ गई है और खरीदार भी अब पहले के मुकाबले अधिक लाने लगे हैं जिससे मंडी जगह की कमी पड़ जाती है। ऐसे में सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखने एक बड़ी चुनौती होती है।