सरकार के मुख्य आर्थिक सलाहकार ने गुरुवार को कहा है कि एक प्रमुख वैश्विक क्रेडिट एजेंसी द्वारा पेश किया गया भारत का विकास परिदृश्य मोदी सरकार के संरचनात्मक सुधार कार्यक्रम को सत्यापित करता है।
सरकार के मुख्य आर्थिक सलाहकार कृष्णमूर्ति सुब्रह्मण्यम ने एक ऑनलाइन संवाददाता सम्मेलन में कहा कि एसएंडपी ने अगले साल के लिए 8.5 प्रतिशत विकास दर का अनुमान लगाया है, जो केंद्र द्वारा किए गए संरचनात्मक सुधारों पर आधारित है।
सुब्रह्मण्यम ने यह बात ऐसे समय में कही है, जब एक दिन पहले एसएंडपी ग्लोबल रेटिंग्स ने भारत के सॉवरेन क्रेडिट रेटिंग्स को बरकरार रखा और उसे दीर्घकाल में ‘बीबीबी-‘ और अल्पकाल में ‘ए-3’ अयाचित विदेशी और स्थानी मुद्रा रेटिंग्स दी।
इसके अलावा एजेंसी ने कहा कि दीर्घकालिक रेटिंग पर भारत का परिदृश्य स्थिर है।
इसी तरह फिच ने एपीएसी सॉवरेन क्रेडिट ओवरव्यू 2020 में वित्त वर्ष 2021-22 के लिए 9.5 प्रतिशत आर्थिक वृद्धि का अनुमान लगाया है।
सुब्रह्मण्यम ने कहा, “उन्होंने खासतौर से सुधार के कदमों के बारे में जिक्र किया है..जिन सुधारों को आत्मनिर्भर भारत पैकेज में शामिल किया गया है, उनका भी जिक्र किया गया है। इन्हीं उपायों की पृष्ठभूमि के आधार पर एसएंडपी ने अगले वित्त वर्ष के लिए 8.5 प्रतिशत वृद्धि दर का अनुमान लगाया है और यह संरचनात्मक सुधारों पर जोर देने पर आधारित है, जिसे पैकेज में किया गया है।”
उन्होंने कहा, “इस बात को भी ध्यान में रखना महत्वपूर्ण है कि फिच ने एपीएसी देशों की एक रिपोर्ट पेश की, जिसमें उन्होंने अगले साल का वृद्धि दर 9.5 प्रतिशत अनुमानित किया। दोनों एजेंसियों ने माना है कि इस साल वृद्धि निराशाजनक होगी।”
दोनों एजेंसियों ने वित्त वर्ष 2020-21 के लिए जीडीपी में पांच प्रतिशत संकुचन का अनुमान जताया है।
उन्होंने कहा, “इस तरह कुल मिलाकार रेटिंग बनी हुई है और परिदृश्य स्थिर है, जो कि अच्छी खबर है, खासतौर से इस साल बजट में किए गए प्रस्तावों के परिप्रेक्ष्य से।”
सुब्रह्मण्यम ने कहा, “यह हमारे लिए इस कदम के साथ आगे बढ़ने का रास्ता साफ करता है।”