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धीरे धीरे थमने लगा है श्रमिकों का पलायन, राज्य भी ‘श्रमिक स्पेशल’ ट्रेनों की कम कर रहे है मांग

विभिन्न राज्यों से दिहाड़ी श्रमिकों का अपने घरों को लौटने का सिलसिला धीरे-धीरे कम होने लगा है। जिसकी वजह से राज्यों द्वारा ‘श्रमिक स्पेशल’ ट्रेनों की मांग भी घट रही है। इसकी वजह से ‘श्रमिक स्पेशल’ अब कम संख्या में चलाई जा रही है। ‘श्रमिक स्पेशल’ ट्रेनों को लेकर चेयरमैन, रेलवे बोर्ड द्वारा राज्यों को लिखे गए लगातार तीन पत्र के बाद भी अब तक राज्यों से सिर्फ 63 ट्रेनों की मांग आयी है।

29 मई के बाद से अब तक 7 राज्यों की तरफ से कुल 63 ‘श्रमिक स्पेशल’ ट्रेनों की मांग आयी है। ये मांग केरल, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल, गुजरात और जम्मू कश्मीर की ओर से की गयी है। जिनमे आंध्र प्रदेश ने तीन, गुजरात ने एक ,जम्मू कश्मीर ने नौ, कर्नाटक ने छह, केरल ने 32, तमिलनाडु ने 10 और पश्चिम बंगाल ने दो ट्रेनों की मांग की है। उत्तर प्रदेश की ओर से ट्रेनों के लिये मांग आना बाकी है।

रेलवे बोर्ड, चेयरमैन, विनोद यादव ने 29 मई, तीन जून और नौ जून को लगातार तीन पत्र राज्यों को भेजा है , जिसमें कहा गया है कि राज्यों की मांग के अनुसार रेलवे 24 घंटों में श्रमिक स्पेशल ट्रेन उपलब्ध करा देगी।

रेलवे ने राज्य सरकारों को यह भी कहा है कि जरूरत के हिसाब से अपनी मांग समय से पहले बता दे, ताकि रेलवे के परिचालन के लिये समुचित व्यवस्था की जा सके। साथ ही रेलवे ने राज्य सरकारो को यह भी आश्वस्त किया है कि भविष्य में भी मांग के अनुरूप राज्यों को अतिरिक्त ट्रेने मुहैया करायी जा सकती है।

जाहिर है कि अब राज्यों से श्रीमिको की घर वापसी का सिलसिला थमने लगा है । बताया गया है कि ऐसा रोजगार और श्रम के अवसर मय्यसर होने की वजह से हो रहा है। जिसकी वजह से इन श्रीमिको की जिंदगी फिर से पटरी पर आती दिख रही है।

गौरतलब है कि भारतीय रेल ने 1 मई से लेकर अब तक 4277 ‘श्रमिक स्पेशल’ ट्रेनों का परिचालन किया है। इस दौरान 60 लाख यात्रियों को अपने अपने गंतव्य तक पहुंचाया गया है।

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