अयोध्या में भजन केंद्र के बहुप्रतीक्षित उद्घाटन को कोरोना महामारी और भारत-चीन सीमा पर बढ़ते तनाव को देखते हुए स्थगित कर दिया गया है।
210 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित इस केंद्र का उद्घाटन राम मंदिर के ‘भूमिपूजन’ समारोह के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा किया जाना था।
वहीं मौजूदा स्थिति के कारण भूमिपूजन समारोह को भी अनिश्चित काल के लिए स्थगित कर दिया गया है।
धार्मिक मामलों के अतिरिक्त मुख्य सचिव अवनीश अवस्थी के अनुसार, उद्घाटन के लिए अभी कोई तारीख तय नहीं की गई है।
यह भजन केंद्र पिछली समाजवादी पार्टी सरकार के कार्यकाल के अंत के दौरान शुरू किए गए कई प्रोजेक्ट्स में से एक था, जब पार्टी 2017 के राज्य चुनावों में नरम हिंदुत्व को लेकर प्रयोग कर रही थी।
तत्कालीन अखिलेश यादव सरकार ने धार्मिक केंद्र अयोध्या, वाराणसी और मथुरा सहित कई शहरों में विकास कार्यों की एक श्रृंखला शुरू की थी ताकि तीर्थस्थलों को सुंदर बनाया जा सके और इन धार्मिक स्थलों पर बुनियादी सुविधाओं का विकास भी किया जा सके।
उसी के तहत अयोध्या में स्थानीय संतों और लोगों के लिए एक ‘भजन’ केंद्र का निर्माण किया गया था। यह परियोजना एक वर्ष के भीतर पूरी हो गई थी, लेकिन इसका उद्घाटन होने से पहले ही अखिलेश सरकार सत्ता से बाहर हो गई और प्रदेश में भाजपा की सरकार बन गई।
बता दें कि अन्य धार्मिक गतिविधियों के साथ-साथ कोरोना संकट के कारण राज्य सरकार ने प्रतापगढ़ में लगने वाले वार्षिक ‘सावन मेला’ को भी रद्द कर दिया है।
यह मेला भयहरण नाथ धाम के परिसर में आयोजित किया जाना था।
धाम के महासचिव शेखर ने कहा, “पुलिस ने हमें सूचित किया है कि महामारी के मद्देनजर सावन मेला रद्द कर दिया और आयोजकों से इस आयोजन के लिए लगाए गए झूलों और स्लाइड को हटाने के लिए कहा था।”