अभिनेता मनोज बाजपेयी कहते हैं कि डिजिटल एक ‘निष्पक्ष’ और ‘लोकतांत्रिक’ मंच है, जहां दर्शक बड़े और छोटे बैनर के बीच भेदभाव नहीं करते हैं। ओटीटी प्लेटफॉर्म को ऐसे ही बने रहना चाहिए।
मनोज वाजपेयी ने आईएएनएस को बताया, “मैं सालों से चिल्ला रहा हूं कि बॉक्स ऑफिस सिनेमा की गुणवत्ता या योग्यता को परिभाषित नहीं करता है। छोटी फिल्मों के लिए इंडस्ट्री में जगह ही नहीं रही। बस, 100 करोड़ या उससे ज्यादा कमाने वाली फिल्मों को ही अच्छा माना जाता है। मैं उम्मीद करता हूं कि ओटीटी प्लेटफॉर्म हमेशा ऐसा ही बना रहेगा और उस रास्ते पर नहीं जाएगा, जिस पर सिनेमा के थिएटर मालिक और पारंपरिक प्रोड्यूसर्स गए।”
मनोज बाजपेयी की नई फिल्म ‘भोंसले’ की हाल ही में सोनी लाइव पर ओटीटी रिलीज हुई है। अभिनेता को लगता है कि ओटीटी इस तरह की एक छोटी फिल्म के लिए आदर्श मंच है।
इसे लेकर उन्होंने कहा, “यह ‘भोंसले’ जैसी फिल्म के लिए शानदार है। इस तरह की एक छोटी फिल्म को देखने को उतने दर्शक थिएटर में नहीं मिलेंगे, जितने एक ओटीटी प्लेटफॉर्म पर मिलेंगे। हालांकि हमने इसे अप्रैल में सिनेमाघरों में रिलीज करने की योजना बनाई थी लेकिन मुझे लगता है कि इसका ओटीटी प्लेटफॉर्म पर रिलीज होना ही बेहतर रहा।”
फिल्म में अपने चरित्र के बारे में अभिनेता ने खुलासा किया, “मेरा किरदार गणपत भोंसले का है, जो सामाजिक गतिविधियों से कटा रहता है। उसे समाज के तौर-तरीके पसंद नहीं आते और उसके अंदर बहुत गुस्सा है।”