कोविड-19 महामारी ने भारतीय व्यवसायों, विशेष रूप से छोटे और मध्यम उद्यमों (एसएमई) और स्टार्टअप्स पर अभूतपूर्व प्रभाव डाला है। फिक्की और इंडियन एंजल नेटवर्क (आईएएन) के संयुक्त सर्वेक्षण के अनुसार, महामारी ने लगभग 70 प्रतिशत स्टार्टअप के कारोबार को प्रभावित किया है। सर्वे में कहा गया है कि कारोबारी माहौल में अनिश्चितता के साथ ही सरकार और कॉर्पोरेट्स की प्राथमिकताओं में अप्रत्याशित बदलाव के कारण कई स्टार्टअप जीवित रहने के लिए संघर्ष कर रहे हैं।
‘भारतीय स्टार्टअप्स पर कोविड-19 के प्रभाव’ विषय पर एक राष्ट्रव्यापी सर्वेक्षण किया गया, जिसमें 250 स्टार्टअप को शामिल किया गया। सर्वे में 70 प्रतिशत प्रतिभागियों ने कहा कि उनके कारोबार को कोविड-19 ने प्रभावित किया है और लगभग 12 प्रतिशत ने अपना परिचालन बंद कर दिया है।
सर्वेक्षण से पता चलता है कि अगले तीन से छह महीनों में निर्धारित लागत खचरें को पूरा करने के लिए केवल 22 प्रतिशत स्टार्टअप के पास ही पर्याप्त नकदी है और 68 प्रतिशत परिचालन और प्रशासनिक खचरें को कम कर रहे हैं।
करीब 30 फीसदी कंपनियों ने कहा कि अगर लॉकडाउन को बहुत लंबा कर दिया गया तो वे कर्मचारियों की छंटनी करेंगे। इसके अलावा 43 प्रतिशत स्टार्टअप ने अप्रैल-जून में 20-40 प्रतिशत वेतन कटौती शुरू कर दी है।
वहीं 33 प्रतिशत से ज्यादा स्टार्टअप्स ने कहा कि निवेशकों ने निवेश के फैसले को रोक दिया है और 10 प्रतिशत ने कहा है कि सौदे (डील) खत्म हो गए हैं। सर्वेक्षण में सामने आया कि कोविड-19 के फैलने से पहले केवल आठ प्रतिशत स्टार्टअप्स को ही सौदे के अनुसार धनराशि मिली थी।
कम फंडिंग ने स्टार्टअप्स को व्यावसायिक विकास और विनिर्माण गतिविधियों को आगे बढ़ाने को फिलहाल टालने पर मजबूर किया है। उन्हें अनुमानित ऑर्डर का नुकसान हुआ है, जिससे स्टार्टअप कंपनियों को मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है।
सर्वेक्षण में स्टार्टअप्स के लिए एक तत्काल राहत पैकेज की आवश्यकता पर प्रकाश डाला गया है, जिसमें सरकार से संभावित खरीद ऑर्डर, कर राहत, अनुदान, आसान ऋण आदि शामिल हैं।
सर्वे में 250 स्टार्टअप्स के अलावा 61 इन्क्यूबेटरों और निवेशकों ने भी भाग लिया।
सर्वे के दौरान 96 प्रतिशत निवेशकों ने स्वीकार किया कि स्टार्टअप में उनका निवेश कोविड-19 से प्रभावित हुआ है। वहीं 92 प्रतिशत ने कहा कि अगले छह महीनों में स्टार्टअप में उनका निवेश कम रहेगा।
लगभग 59 प्रतिशत निवेशकों ने कहा कि वे आने वाले महीनों में मौजूदा पोर्टफोलियो फर्मों के साथ काम करना पसंद करेंगे। केवल 41 प्रतिशत ने कहा कि वे नए सौदों पर विचार करेंगे।
सर्वेक्षण में कहा गया है कि कोविड-19 से पहले और उसके दौरान प्राथमिकता वाले निवेश क्षेत्रों की तुलना में 35 प्रतिशत निवेशक स्वास्थ्य सेवा स्टार्टअप में निवेश देख रहे हैं, इसके बाद एडटेक, एआई/डीप टेक, फिनटेक और एग्री शामिल हैं।
लगभग 44 प्रतिशत इन्क्यूबेटरों ने कहा कि उनके दिन-प्रतिदिन के ऑपरेशन कोविड-19 की वजह से काफी प्रभावित हुए हैं। अधिकांश इनक्यूबेटर्स अब अपने पोर्टफोलियो फर्मों का समर्थन कर रहे हैं, जो उन्हें संरक्षक, निवेशकों और उद्योगों के साथ बातचीत करने के लिए वर्चुअल मंच प्रदान करते हैं।