दिल की बाईपास सर्जरी करा चुके लोग यदि रात को अच्छी नींद चाहते हैं तो उन्हें सुबह आधा घंटा टहलना चाहिए। यह बात एक अध्ययन में कही गई है। मिस्र की काहिरा यूनिवर्सिटी के अध्ययन के लेखक हादी आतेफ ने कहा है, “दिल की बाईपास सर्जरी कराने के बाद कई मरीजों में नींद की समस्या पैदा हो जाती है।”
उन्होंने कहा, “यह स्थिति छह महीने से ज्यादा बने रहने के बाद दिल की स्थिति बिगड़ जाती है और मरीज में दोबारा सर्जरी का जोखिम बढ़ जाता है। लिहाजा बाईपास सर्जरी कराने के बाद नींद में सुधार के उपाय खोजना अत्यंत जरूरी है।”
इस अध्ययन में नींद और कार्यक्षमता दोनों पर कसरत के असर की पड़ताल की गई है। इसमें 45 से 65 साल के ऐसे 80 मरीजों को शामिल किया गया, जिनमें दिल की बाईपास सर्जरी के छह सप्ताह बाद नींद की समस्या थी और उनकी कार्यक्षमता भी घट गई थी।
मरीजों को रैंडमली दो कसरत समूह आवंटित किए गए : एयरोबिक एक्सरसाइज और रजिस्टैंस एक्सरसाइज। दोनों समूहों ने 10 सप्ताह की अवधि के दौरान सुबह 30 एक्सरसाइज सत्र किए। एयरोबिक एक्सरसाइज सत्र के दौरान भागीदारों ने एक ट्रेडमिल पर 30-45 मिनट तक वाक की।
एयरोबिक और रजिस्टैंस एक्सरसाइज सत्रों के दौरान भागीदारों ने एक ट्रेडमिल पर 30-45 मिनट तक वाक की और सर्किट वेट ट्रेनिंग (हल्के रजिस्टैंस एक्सरसाइज का एक रूप) की।
10 सप्ताह बाद दोनों एक्सरसाइज समूहों के बीच नींद और कार्यक्षमता में बदलावा की तुलना की गई।
दोनों एक्सरसाइज कार्यक्रमों -अकेले एयरोबिक और एयरोबिक व रजिस्टैंस संयुक्त रूप से- से 10 सप्ताह की अवधि के दौरान नींद और कार्यक्षमता में सुधार हुआ।
अध्ययन के अनुसार, लेकिन अकेले एयरोबिक एक्सरसाइज संयुक्त एक्सरसाइज की तुलना में नींद और कार्यक्षमता के लिए बहुत लाभकारी रहा।
इस अध्ययन को यूरोपियन सोसायटी ऑफ कार्डियोलॉजी (ईएससी) के एक वैज्ञानिक प्लेटफॉर्म, ‘एसीएनएपी एसेंसियल्स 4 यू’ पर प्रस्तुत किया गया है।
आतेफ ने कहा, “नींद की समस्या और सामान्य गतिविधि में समस्या महसूस करने वाले हर्ट बाईपास मरीजों के लिए हमारी रिफारिश है कि वे सिर्फ एयरोबिक एक्सरसाइज करें।”