उत्तर प्रदेश में कोरोनावायरस के बढ़ते प्रभाव को देखते हुए विश्वविद्यालयों व कॉलेजों में स्नातक व परास्नातक के सिर्फ अंतिम वर्ष के विद्यार्थियों की ही परीक्षा कराने का निर्णय लिया गया है। बाकी विद्यार्थियों को पिछली परीक्षा के प्रदर्शन के आधार पर प्रोन्नत करने का निर्णय लिया गया है। उपमुख्यमंत्री डा़ॅ दिनेश शर्मा ने पत्रकारों को बताया कि “स्नातक में प्रथम तथा द्वितीय और परास्नातक में प्रथम वर्ष के सभी छात्र-छात्राओं को आंतरिक मूल्यांकन व पिछली कक्षा में मिले अंकों के आधार पर प्रोन्नत किया जाएगा। वहीं स्नातक तृतीय वर्ष और परास्नातक द्वितीय वर्ष के विद्यार्थियों की परीक्षाएं होंगी। परीक्षाएं ऑनलाइन या फिर ऑफलाइन दोनों मोड में होंगी।”
डॉ. दिनेश शर्मा ने बताया, “परीक्षा का समय कम होगा और बहुविकल्पीय प्रश्न भी पूछे जा सकेंगे। इसके लिए प्रदेश के विश्वविद्यालय 23 जुलाई तक अंतिम वर्ष के छात्रों की परीक्षा का कार्यक्रम तैयार कर उच्च शिक्षा विभाग को सौंपेंगे। इसके साथ ही 30 सितंबर तक अंतिम वर्ष और अंतिम सेमेस्टर की परीक्षा ऑफलाइन या ऑनलाइन कराने का भी निर्देश दिया गया है। इसके बाद 15 अक्टूबर तक स्नातक अंतिम वर्ष और 31 अक्टूबर तक स्नातकोत्तर अंतिम वर्ष के परिणाम घोषित करने का भी निर्देश दिया गया है।”
उन्होंने बताया, “विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) द्वारा कोविड-19 वैश्विक महामारी के बढ़ते प्रकोप के ²ष्टिगत छात्रों के स्वास्थ्य सुरक्षा सिद्घान्तों, पारदर्शी एवं समान अवसर को महत्व दिए जाने, शैक्षणिक विश्वसनीयता, व्यवसाय का अवसर और वैश्विक स्तर पर छात्रों के भविष्य की प्रगति को सुनिश्चित करने के बिन्दुओं को ²ष्टिगत रखते हुए छात्रों के शैक्षिक मूल्यांकन तथा परीक्षा में प्रदर्शन के माध्यम से छात्रों में आत्मविश्वास एवं संतुष्टि का भाव उत्पन्न करने के साथ क्षमता, प्रदर्शन, विश्वसनीयता को वैश्विक स्वीकार्यता प्रतिबिंबित किए जाने के ष्टिगत परीक्षाएं सम्पन्न कराने और परिणाम घोषित करने और आगामी सत्र के शैक्षणिक कैलेण्डर के बिन्दुओं को सम्मिलित किया गया है।”
डॉ़ शर्मा ने जारी एक बयान में कहा, “कोविड-19 के खतरे के ²ष्टिगत राज्य विश्वविद्यालयों की अंतिम वर्ष-अंतिम सेमेस्टर को छोड़कर शेष परीक्षाएं स्थगित की जाएंगी। कुछ विश्वविद्यालयों द्वारा समस्त परीक्षाएं लॉकडाउन से पूर्व सम्पन्न करा ली गई थीं और मूल्यांकन के पश्चात परिणाम भी जारी कर दिए गए हैं। वे परिणाम यथावत रहेंगे। इन परीक्षाओं पर वे नियम लागू रहेंगे, जो पहले से लागू थे। कुछ विश्वविद्यालयों द्वारा विभिन्न कक्षाओं की कुछ परीक्षाएं लॉकडाउन से पूर्व सम्पन्न कर ली गई थीं, उनके मूल्यांकन कर अंक अंतिम परिणाम में सम्मिलित किए जाएंगे।”
उन्होंने कहा, “सभी संकायों के विभिन्न कक्षाओं के ऐसे छात्र, जो लॉकडाउन 18 मार्च, 2020 के पूर्व सम्बन्धित विश्वविद्यालय द्वारा सम्पन्न कराई गई परीक्षा के प्रश्न-पत्रों के मूल्यांकन के आधार पर अपनी कक्षा के प्रत्येक विषय में पृथक-पृथक उत्तीर्ण हैं अथवा बैक पेपर के लिए अर्ह हैं, उन्हें अगले वर्ष अगले सेमेस्टर में प्रोन्नत कर दिया जाएगा तथा उनकी शेष परीक्षाएं स्थगित रहेंगी। ऐसे छात्र, जो पूर्व में सम्पादित इस परीक्षा के अपूर्ण परिणाम के आधार पर सम्बन्धित विश्वविद्यालय के नियमानुसार बैक पेपर के लिए भी अर्ह नहीं है तथा अनुत्तीर्ण है, उनको वर्ष 2020 की परीक्षा में अनुत्तीर्ण घोषित किया जाएगा। निम्न प्रस्तरों में उल्लिखित व्यवस्था 2019-20 की केवल शेष परीक्षाओं के लिए लागू होगी।”