राष्ट्रीय राजधानी में रविवार सुबह हुई भारी बारिश के कारण अन्ना नगर के झुग्गी-बस्ती इलाके में 11 मकान ढह गए और वहां रह रहे लोगों को अभी भी डर है कि अगर फिर बारिश होती है तो 10 और मकान ढह जाएंगे, क्योंकि इन 10 मकानों की दीवारों में बुरी तरह दरारें पड़ चुकी हैं। नाले के किनारे रह रहे लोगों ने अपने मकान खाली भी कर दिए हैं।
यह झुग्गी बस्ती आईटीओ के पास विश्व स्वास्थ्य संगठन की निर्माणाधीन इमारत के पीछे मौजूद है और नाले से सटी हुई है। रेलवे की जमीन पर ये सारे मकान अवैध तरीके से बने हुए हैं। यहां तकरीबन 1200 मकान हैं, जहां लोग पिछले 40 से 50 सालों से रह रहे हैं।
अन्ना नगर में करीबन 10 हजार लोग रहते हैं। लगभग सभी नौकरियां करते हैं। इस जगह पर बंगाल, यूपी, हरयाणा, तमिलनाडु, आंध्रप्रदेश से लोग आकर बसे हुए हैं।
अन्ना नगर के प्रधान उप्पू स्वामी ने आईएएनएस को बताया, कल आई बारिश में यहां के 11 मकान बह गए और 10 ऐसे मकान हैं, जो कभी भी गिर सकते हैं। जिन लोगों के मकान ढह गए वे सभी लोग फिलहाल सरकार द्वारा लगाए गए टेंट रह रहे हैं।
उन्होंने बताया, यहां हम पिछले 40 से 50 सालों से रह रहे हैं।
नॉर्थन रेलवे के प्रवक्ता दीपक कुमार ने आईएएनएस को बताया, कोई व्यक्ति अवैध रूप से रेलवे की जमीन पर कब्ज किया हुआ है तो उसपर कानून के मुताबिक कार्रवाई की जाएगी।
अन्ना नगर में रहने वाली नेहा ने आईएएनएस को बताया, मेरा मकान बिल्कुल आधा गिरा हुआ है। सुबह सात बजे से लोग यहां आ रहे हैं, रिपोर्ट बनाकर ले जा रहे हैं, लेकिन किसी ने यह तक नहीं सोचा कि इन्हें खाने का कुछ दें। टेंट लगाया हुआ है, जहां कोई सोने की व्यवस्था नहीं, सुबह का नाश्ता अब दोपहर में दे रहे हैं।