केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा किए गए एक सेरोलॉजिक सर्वेक्षण में मंगलवार को इस बात का खुलासा हुआ है कि दिल्ली की 77 फीसदी आबादी पर अब भी घातक कोरोनावायरस की चपेट में आने का खतरा बना हुआ है। राष्ट्रीय राजधानी की आम आबादी में संक्रमण के प्रसार का अनुमान लगाने के लिए दिल्ली सरकार के समन्वय से नेशनल सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल द्वारा इस क्रॉस-सेक्शनल सर्वे को किया गया।
एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए नेशनल सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल के निदेशक सुजीत कुमार सिंह ने कहा, “महामारी के लगभग छह महीने में 22.86 प्रतिशत लोग प्रभावित हुए हैं, जबकि 77 प्रतिशत आबादी पर अभी भी खतरा बना हुआ है।”
यह अध्ययन राजधानी में दो आयु वर्ग के लोगों में किया गया जिसमें 18 वर्ष से कम व अधिक उम्र वाले लोग शामिल थे। अधिकतम 21,387 नमूने एकत्र किए गए। ये परीक्षण सामान्य आबादी में एंटीबॉडी की उपस्थिति की पहचान करने में मददगार साबित होंगे।
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सिंह ने कहा कि ग्यारह जिलों में से आठ में 20 प्रतिशत से अधिक सीरो-प्रचलन है। उन्होंने कहा, मध्य, उत्तर पूर्व, उत्तर और शाहदरा जिलों में लगभग 27 प्रतिशत का सीरो-प्रचलन है।
दिल्ली के सभी ग्यारह जिलों के लिए सर्वेक्षण टीमों का गठन किया गया, लिखित तौर पर सहमति लेने के बाद ही चयनित व्यक्तियों से रक्त के नमूने एकत्र किए गए और फिर भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद ( आईसीएमआर) द्वारा अनुमोदित कोविड कवच एलिसा का उपयोग करते हुए आईजीजी एंटीबॉडी और संक्रमण के लिए उनके सेरा का परीक्षण किया गया।