उत्तर प्रदेश के लखीमपुर में स्थित दुधवा रिजर्व के घने जंगलों में लगभग 118 साल बाद ऑर्किड का एक दुर्लभ प्रजाति फिर मिला है, जिसे यूलोफिया ओबटुसा के रूप में जाना जाता है। इसमें फल (बीज) भी लगे हुए हैं, जिससे इसके परागण और कैप्टिव ब्रीडिंग को लेकर उम्मीदों को बल मिला है।
इसके फल को पहले न तो किसी शोधकर्ता ने देखा था न ही पहले कभी इसकी तस्वीर ली गई थी।
कुछ सप्ताह पहले फील्ड डायरेक्टर संजय पाठक और डिप्टी डायरेक्टर मनोज सोनकर की अगुवाई में एक टीम ने दुधवा के जंगल में पहली बार दुर्लभ ऑर्किड को देखा और उसकी तस्वीर ली।
इस खोज को बांग्लादेश के वनस्पति विज्ञानी मोहम्मद शरीफ हुसैन सौरव के साथ साझा किया गया, जो वर्तमान में जर्मनी में ऑर्किड की विभिन्न प्रजातियों पर शोध कर रहे हैं।
इस ऑर्किड प्रजाति को ‘इंटरनेशनल यूनियन ऑफ कॉन्सर्वेशन ऑफ नेचर’ (आईयूसीएन) की रेड लिस्ट में ‘गंभीर रूप से लुप्तप्राय’ के रूप में सूचीबद्ध किया गया है।
फील्ड डायरेक्टर संजय पाठक के अनुसार, “शोधकर्ता हुसैन ने हमसे ऑर्किड के उस पौधे की तलाश करने का अनुरोध किया था जिसमें फल लगता हो क्योंकि बांग्लादेश में अपने शोध के दौरान, वह फलों वाला एक भी ऑर्किड नहीं ढूंढ़ सके थे।”
उन्होंने कहा कि गहन खोज के बाद, हम एक ऐसे पौधे को ढूंढ़ सके।