कोरोना काल में बुरी तरह प्रभावित मॉल्स की कमाई चालू वित्त वर्ष में घटकर आधी रह सकती है। यह रेटिंग एजेंसी क्रिसिल का अनुमान है। क्रिसिल ने बुधवार को कहा कि कोविड-19 महामारी की रोकथाम के उपाय के तौर पर लॉकडाउन करने से मॉल्स की कमाई पर असर पड़ेगा और यह घटकर चालू वित्त वर्ष में आधी रह सकती है।
रेटिंग एजेंसी द्वारा रेटेड 10 बड़े मॉल्स का विश्लेषण करते हुए क्रिसिल ने कहा कि इन मॉल्स का कुल रेटेड कर्ज 4,200 करोड़ रुपये है और पूरे भारत में ये 75 करोड़ वर्ग फुट को कवर करते हैं।
क्रिसिल ने एक बयान में कहा, “इनके पास मजबूत प्रायोजक और उच्च कर्ज सेवा कवरेज अनुपात औसतन डेढ़ गुना है।”
एजेंसी ने कहा कि इसलिए राजस्व का दबाव होने के बावजूद क्रिसिल रेटेड मॉल्स की क्रेडिट क्वोलिटी पर लघु अवधि में सीमित असर होगा।
क्रिसिल ने कहा कि राजस्व पर इसलिए प्रभाव होगा, क्योंकि मल्टीप्लेक्स, फूड कोर्ट्स, रेस्तरां और गेमिंग जोंस अभी अनेक जगहों पर नहीं खुले हैं।
रेटिंग एजेंसी के अनुसार, कुल राजस्व का 22 फीसदी इन्हीं कारोबार से आता है और सोशल डिस्टेंसिंग के कारण इनका ऑपरेशन प्रभावित है और इनको नुकसान की भरपाई करने में सबसे ज्यादा समय लगेगा।
एजेंसी ने कहा कि अपैरल, कॉस्मेटिक्स, इलेक्ट्रॉनिक्स और बुकस्टोर से मॉल की करीब 75 फीसदी कमाई होती है, लेकिन वहां भी इस समय खपत मॉल खुलने के पहले महीने में पिछले साल के मुकाबले 30-35 फीसदी ही है