प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को कोविड-19 महामारी की चपेट में आए 10 राज्यों के मुख्यमंत्रियों व प्रतिनिधियों के साथ समीक्षा बैठक की और सलाह दी कि देश में संक्रमण के प्रभावी प्रबंधन के लिए कंटेनमेंट, कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग और सर्विलांस सबसे प्रभावी हथियार हैं। वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से हुई बैठक के दौरान प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि जिन राज्यों में टेस्टिंग कम और पॉजिटिव केस ज्यादा हैं, वहां टेस्टिंग बढ़ाने की जरूरत की बात सामने आई है। बिहार, गुजरात, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, तेलंगाना में टेस्टिंग बढ़ाने की जरूरत है।
उन्होंने कहा कि भारत में 80 प्रतिशत कोविड-19 मामले इन 10 राज्यों में दर्ज किए गए हैं। यह बैठक भारत में वर्तमान कोरोनावायरस की स्थिति पर चर्चा करने और महामारी से निपटने के लिए आगे की योजना बनाने के लिए आयोजित की गई थी।
बैठक के दौरान प्रधानमंत्री ने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह द्वारा दिल्ली और आस-पास के राज्यों के सहयोग से कोरोनावायरस महामारी से निपटने के लिए एक रोडमैप तैयार किए जाने का भी जिक्र किया।
प्रधानमंत्री ने कोरोना से निपटने की रणनीति में मुख्य तौर पर कंटेनमेंट जोन का पृथक्करण और स्क्रीनिंग पर ध्यान केंद्रित करने पर जोर दिया।
मोदी ने कहा कि देश में दैनिक तौर पर किए जा रहे परीक्षण लगभग सात लाख तक पहुंच गए हैं और लगातार बढ़ रहे हैं, जिससे कोरोना संक्रमणों और उनके नियंत्रण की जल्द पहचान में मदद मिली है।
देश में औसत मृत्युदर दुनिया में सबसे कम है और लगातार नीचे जा रही है। मोदी ने कहा, “सक्रिय (एक्टिव) मामलों का प्रतिशत कम हो रहा है, जबकि ठीक होने की दर बढ़ रही है।” उन्होंने कहा, “हमारे प्रयासों ने बेहतर परिणाम दिए हैं, जिससे लोगों का विश्वास बढ़ा है और भय कम हुआ है।”
प्रधानमंत्री ने कहा कि घातक दर को एक फीसदी से नीचे लाने का लक्ष्य जल्द ही हासिल किया जा सकता है। उन्होंने कहा, “आरोग्य सेतु एप के साथ, हम अपना काम बेहतर तरीके से कर सकते हैं। इस वजह से होम क्वारंटीन सुविधा को बेहतर तरीके से लागू किया जा रहा है।”
देश में अब तक कुल 22,68,675 कोरोनावायरस मामले सामने आए हैं, जिनमें 15,83,489 मरीज ठीक हो चुके हैं। देश में अभी तक 2,52,81,848 नमूनों का परीक्षण किया गया है।
बैठक में भाग लेने वाले राज्यों में आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र, पंजाब, बिहार, गुजरात, तेलंगाना और उत्तर प्रदेश शामिल थे।
मुख्यमंत्रियों ने स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा सीरो-निगरानी के संचालन के लिए और मार्गदर्शन देने का अनुरोध किया, साथ ही देश में एक एकीकृत चिकित्सा अवसंरचना स्थापित करने का भी सुझाव दिया।
उन्होंने अपने-अपने राज्यों में जमीनी स्थिति पर प्रतिक्रिया भी दी। उन्होंने महामारी के सफल प्रबंधन में मोदी के नेतृत्व की प्रशंसा की और उनके निरंतर मार्गदर्शन और समर्थन के लिए उन्हें धन्यवाद दिया।
उन्होंने कोरोना परीक्षणों के बारे में, परीक्षण को बढ़ाने के लिए उठाए गए कदम, टेलीमेडिसिन के उपयोग और स्वास्थ्य के बुनियादी ढांचे में बदलाव के प्रयासों के बारे में प्रधानमंत्री को सूचित किया।
बैठक में मौजूद लोगों में रक्षामंत्री राजनाथ सिंह और स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन शामिल थे।