कोरोना काल में अपने गांव वापस लौटे प्रवासियों को रोजगार देने के लिए पूर्व-मध्य रेलवे ने ‘गरीब कल्याण रोजगार अभियान’ के तहत 37 रेल परियोजनाओं में रोजगार उपलब्ध कराया है। पूर्व-मध्य रेलवे के मुख्य सूचना जनसंपर्क अधिकारी राजेश कुमार ने मंगलवार को बताया कि ‘गरीब कल्याण रोजगार अभियान’ के तहत बिहार राज्य के 32 जिलों के प्रवासियों को रोजगार के अवसर उपलब्ध कराए जा रहे हैं। योजना के सफल कार्यान्वयन के लिए इन जिलों के लिए एक-एक को-ऑर्डिनेटर नियुक्त किया गया है।
उन्होंने बताया, “बिहार राज्य की कुल 37 रेल परियोजनाओं में प्रवासी कामगारों को लगाया गया है। 20 जून से 7 अगस्त तक प्रवासी श्रमिकों के लिए 1 लाख 35 हजार 425 मानव दिवस के बराबर रोजगर का सृजन करते हुए 262़ 82 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया।”
उन्होंने बताया कि दोहरीकरण परियोजना के तहत समस्तीपुर-दरभंगा, कटरिया-कुरसेला, सगौली-वाल्मिकीनगर, मुजफ्फरपुर-सगौली, रमना-सिंगरौली, करैला रोड-शक्तिनगर सहित छह दोहरीकरण परियोजनाओं में प्रवासी श्रमिकों को उनके कौशल के अनुसार रोजगार दिए जा रहे हैं।
इसी तरह खगड़िया-कुशेश्वरस्थान, कोसी ब्रिज, हाजीपुर-सगौली, सकरी- हसनपुर, छपरा-मुजफ्फरपुर, अररिया-सुपौल, बिहारशरीफ- बरबीघा, इस्लामपुर-नटेसर, कोडरमा-तिलैया सहित 9 नई लाइन परियोजना एवं सकरी-लौकहा बाजार-निर्मली तथा सहरसा-फारबिसगंज एवं जयनगर-दरभंगा-सीतामढ़ी-नरकटियागंज-भिखनाठोढ़ी सहित दो आमान परिवर्तन कार्य में प्रवासी श्रमिक अपनी भागीदारी सुनिश्चित कर रहे हैं। इसके अलावा विद्युतीकरण कार्यो में प्रवासी कामगारों को रोजगार मिल रहे हैं।
‘गरीब कल्याण रोजगार अभियान’ के तहत बिहार राज्य के 32 जिलों के प्रवासी श्रमिकों को रोजगार मुहैया कराए जा रहे हैं। इन 32 जिलों में पूर्व-मध्य रेल क्षेत्राधिकार के 23 जिले शामिल हैं। दानापुर मंडल के अंतर्गत आने वाले छह, पंडित दीनदयाल उपाध्याय मंडल के चार, समस्तीपुर मंडल के नौ तथा सोनपुर मंडल के चार जिले हैं।
इसके अलावा, बिहार राज्य में पड़ने वाले पूवरेत्तर सीमांत रेलवे के चार, पूवरेत्तर रेलवे के तीन तथा पूर्व रेलवे के दो जिले के प्रवासी श्रमिकों को रोजगार उपलब्ध कराए जा रहे हैं।