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पीएम आत्मनिर्भर निधि के लिए 7.15 लाख रेहड़ी-पटरी वालों ने किया आवेदन

आवास और शहरी कार्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्रा ने रेहड़ी-पटरी वालों के लिए प्रधानमंत्री आत्मनिर्भर निधि (पीएम स्वनिधि) का शुक्रवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये ऑनलाइन डैशबोर्ड प्रारंभ किया। आवास और शहरी कार्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्रा ने कहा,ऑनलाइन डैशबोर्ड गतिशील है, संवादमूलक है और शहर के स्तर तक प्रधानमंत्री स्वनिधि की प्रगति की जानकारी और उसकी निगरानी करने वाले सभी हितधारकों को एक जगह पर समाधान प्रदान करेगा।

प्रधानमंत्री स्वनिधि पोर्टल पर 2 जुलाई, 2020 को ऑनलाइन आवेदन जमा करने की शुरूआत के बाद से, 7.15 लाख से अधिक आवेदन प्राप्त हुए हैं। साथ ही विभिन्न राज्यों और संघ शासित प्रदेशों में 1.70 लाख से अधिक को मंजूरी दी गई है।

प्रधानमंत्री स्वनिधि की शुरूआत रेहड़ी-पटरी वालों को सस्ती कार्यशील पूंजी ऋण प्रदान करने के लिए मंत्रालय द्वारा 1 जून, 2020 को की गई थी ताकि वे अपनी आजीविका फिर से शुरू कर सकें।

कोविड-19 लॉकडाउन के कारण इनकी आजीविका प्रतिकूल रूप से प्रभावित हुई। इस योजना से उन 50 लाख से अधिक रेहड़ी-पटरी वालों को लाभ मिलेगा जो 24 मार्च, 2020 को या उससे पहले परिनगरीय (पेरी-अरबन) ग्रामीण इलाकों सहित शहरी इलाकों में माल बेच रहे थे।

इस योजना के तहत, विक्रेता 10,000 रुपये तक के कार्यशील पूंजी ऋण का लाभ उठा सकते हैं जो एक वर्ष के कार्यकाल में मासिक किस्तों में चुकाया जा सकता है। ऋण की समय पर जल्दी अदायगी करने पर, तिमाही आधार पर डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर के जरिये लाभार्थियों के बैंक खातों में प्रति वर्ष 7 प्रतिशत की ब्याज सब्सिडी जमा की जाएगी।

ऋण की जल्दी अदायगी करने पर कोई जुर्माना नहीं होगा। यह योजना प्रति माह 100 रुपए कैश-बैक प्रोत्साहन के माध्यम से डिजिटल लेनदेन को बढ़ावा देगी। विक्रेता ऋण की समय पर अदायगी करने पर ऋण सीमा बढ़ाने की सुविधा का लाभ उठाकर आर्थिक सीढ़ी चढ़ने की अपनी महत्वाकांक्षा को हासिल कर सकते हैं।

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