वैश्विक दवा कंपनी डॉ. रेड्डीज लैब, जिसका मुख्यालय भारत में स्थित है, उसने कोरोनावायरस की वैक्सीन ‘स्पुतनिक 5’ के क्लीनिकल ट्रायल और वितरण के लिए रूसी निर्माता रशियन डायरेक्ट इनवेस्टमेंट फंड (आरडीआईएफ) से करार किया है। रूस के सॉवरेन वेल्थ फंड ने बुधवार को एक बयान में यह जानकारी दी। ‘स्पुतनिक 5’ को गैमेलिया रिसर्च इंस्टीट्यूट ऑफ एपिडेमियोलॉजी एंड माइक्रोबायोलॉजी ने रशियन डायरेक्ट इवनेस्टमेंट फंड (आरडीआईएफ) के साथ मिलकर तैयार किया है। इसे 11 अगस्त को पंजीकृत किया गया था।
फंड से एक बयान में कहा गया है, “भारत में विनियामक अनुमोदन के साथ आरडीआईएफ डॉ. रेड्डी को वैक्सीन की 10 करोड़ खुराक की आपूर्ति करेगा। ‘स्पुतनिक 5’ वैक्सीन, जो पूर्ण एवं सिद्ध सुरक्षा के साथ अच्छी तरह से अध्ययन किए गए मानव एडेनोवायरल वेक्टर प्लेटफॉर्म पर आधारित है, कोरोनावायरस महामारी के लिए क्लीनिकल (नैदानिक) परीक्षणों से गुजर रही है।”
रूसी फंड ने कहा कि डिलीवरी संभवत 2020 के अंत में शुरू हो सकती है, जो भारत में नियामक अधिकारियों द्वारा सफल परीक्षणों एवं वैक्सीन के पंजीकरण के पूरा होने के अधीन है।
आरडीआईएफ ने कहा, “आरडीआईएफ और डॉ. रेड्डी के बीच समझौता देशों और संगठनों की बढ़ती जागरूकता को दर्शाता है कि उनकी आबादी की रक्षा के लिए एक विविध एंटी-कोविड वैक्सीन पोर्टफोलियो है।”
इस महीने की शुरूआत में नीति आयोग के सदस्य डॉ. वी. के. पॉल ने कहा था कि रूसी सरकार ने ‘स्पुतनिक 5’ वैक्सीन के निर्माण में भारत की मदद मांगी है और देश में तीसरे चरण के परीक्षण की मांग की है।
मंगलवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए आईसीएमआर के महानिदेशक बलराम भार्गव ने कहा था, “रूस के पास वैक्सीन निर्माण का अच्छा इतिहास है, इसलिए हम मानते हैं कि यह वैक्सीन भी अच्छी है। भारत और रूस सरकार की उच्च-स्तरीय समितियों के बीच बातचीत चल रही है। हम इसके तंत्र पर काम करने की कोशिश कर रहे हैं।”
बता दें कि हाल ही में आरडीआईएफ के सीईओ किरिल दिमित्रीव ने कहा था कि रूस विकसित की गई कोविड-19 वैक्सीन के उत्पादन के लिए भारत के साथ साझेदारी करना चाहता है।
इस बीच, भारत में भी तीन वैक्सीन परीक्षण के उन्नत चरणों में हैं।