वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को लोकसभा में कहा कि कोई भी कंपनी चाहे वह बड़ी, छोटी, सूक्ष्म, मध्यम या नैनो हो, देश के लिए महत्वपूर्ण है। वित्तमंत्री ने कहा, “मेरी दोस्त हैं कंपनियां।” उन्होंने कहा कि कंपनी अधिनियम के तहत भी एमएसएमई पंजीकृत हैं।
मंत्री ने इनसॉल्वेंसी एंड बैंकरप्सी कोड (दूसरा संशोधन) विधेयक, 2020 पारित करने पर जोर देते हुए निचले सदन को संबोधित करते हुए कहा, “आपका दोस्त, मेरा दोस्त कोई मायने नहीं रखता है। सभी इस देश के दोस्त हैं। जब तक छोटा, मध्यम या बड़ा कोई भी व्यवसाय नहीं चलता है, जिस तरह की नौकरी की बात हम कर रहे हैं, वह नहीं होंगी। इसलिए, हर किसी के लिए समाधान आवश्यक है।”
शनिवार को राज्यसभा द्वारा पारित विधेयक, इन्सॉल्वेंसी एंड बैंकरप्सी कोड, 2016 में संशोधन की मांग करता है और इसने साल पांच जून को राष्ट्रपति द्वारा प्रख्यापित किए गए इन्सॉल्वेंसी एंड बैंकरप्सी कोड (संशोधन) अध्यादेश, 2020 की जगह ली है।
इस संशोधन के तहत पूर्ववर्ती प्रबंधन/प्रवर्तकों की ओर से किए गए अपराधों के लिए नए खरीदार पर कोई आपराधिक कार्रवाई नहीं की जाएगी।
इसके अलावा अधिनियम में संशोधन यह भी सुनिश्चित करेगा कि कॉर्पोरेट लेनदार के कारोबार का आधार कमजोर न पड़े और उसका व्यवसाय निरंतर जारी रहे।
इसके लिए यह स्पष्ट किया जाएगा कि कर्ज वसूली स्थगन की अवधि के दौरान उद्यम का लाइसेंस, परमिट, रियायत, मंजूरी इत्यादि को समाप्त या निलंबित नहीं किया जाएगा और न ही उनका नवीकरण रोका जाएगा।
कोड में संशोधन से बाधाएं दूर होंगी, सीआईआरपी सुव्यवस्थित होगी और अंतिम विकल्प वाले फंडिंग के संरक्षण से वित्तीय संकट का सामना कर रहे सेक्टरों में निवेश को बढ़ावा मिलेगा।