केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शनिवार को रोहतांग में राजमार्ग पर निर्मित दुनिया की सबसे लंबी अटल सुरंग (टनल) को इंजीनियरिंग का उत्कृष्ट नमूना बताते हुए कहा कि यह सुरंग पूरे क्षेत्र के लिए एक बड़ा वरदान साबित होगी। शाह ने कई ट्वीट करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार व्यक्त किया, जिन्होंने हिमाचल प्रदेश में शनिवार को मनाली से लाहौल-स्पीति घाटी को जोड़ने वाली 9.02 किलोमीटर लंबी दो लेन की ‘अटल सुरंग’ का उद्घाटन किया।
शाह ने एक ट्वीट में कहा, आज का दिन पूरे देश के लिए ऐतिहासिक है क्योंकि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का विजन सच हुआ है। इस अभूतपूर्व परियोजना पर लगातार काम करने के लिए बीआरओ को बधाई।
उन्होंने कहा, दुनिया की सबसे लंबी राजमार्ग सुरंग के तौर पर, अटल सुरंग लेह और मनाली के बीच की यात्रा के समय को चार से पांच घंटे कम कर देगी। एक सभी मौसम वाली सुरंग होने के नाते, यह लाहौल-स्पीति घाटी को देश के बाकी हिस्सों से भी जोड़ेगी, जो पहले पहले महीनों के लिए कट जाती थी।
गृह मंत्री ने एक अन्य ट्वीट में कहा, अटल सुरंग पूरे क्षेत्र के लिए वरदान साबित होगी। लोगों को अब बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं, व्यवसाय के मौके और आवश्यक सामग्रियां उपलब्ध हो सकेंगी। यह हमारी रक्षा तैयारियों को बल देने के साथ ही पर्यटन के क्षेत्र में रोजगार को भी बढ़ावा देगी।
अटल टनल दुनिया की सबसे लंबी राजमार्ग टनल है। यह 9.02 किलोमीटर लंबी है।
इस टनल से पूरे साल देश के विभिन्न हिस्से और मनाली लाहौल-स्पीति घाटी से जुड़ी रहेगी। इससे पहले यह घाटी भारी बर्फबारी के कारण लगभग छह महीने तक अलग-थलग रहती थी। यह टनल हिमालय की पीर पंजाल श्रृंखला में औसत समुद्र तल (एमएसएल) से 3,000 मीटर यानी 10,000 फीट की ऊंचाई पर बनाई गई है। यह टनल मनाली और लेह के बीच सड़क की दूरी 46 किलोमीटर कम करती है और दोनों स्थानों के बीच लगने वाले समय में भी लगभग चार से पांच घंटे की बचत करती है।
अटल टनल का दक्षिण पोर्टल (एसपी) मनाली से 25 किलोमीटर दूर 3060 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है, जबकि इसका उत्तर पोर्टल (एनपी) लाहौल घाटी में तेलिंगसिस्सुगांव के पास 3071 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। यह घोड़े की नाल के आकार में आठ मीटर सड़क मार्ग के साथ सिंगल ट्यूब और डबल लेन वाली टनल है। इसकी ओवरहेड निकासी 5.525 मीटर है।
अटल टनल पर गाड़ियों की अधिकतम रफ्तार 80 किलोमीटर प्रति घंटा होगी और यहां से रोजाना 3,000 कार और 1,500 ट्रकों का आवागमन होगा। यह टनल सेमी ट्रांसवर्स वेंटिलेशन सिस्टम, एससीएडीए नियंत्रित अग्निशमन, रोशनी और निगरानी प्रणाली सहित अति-आधुनिक इलेक्ट्रो-मैकेनिकल प्रणाली से युक्त है।
यह टनल हिमालय के पीर पंजाल रेंज में अल्ट्रा-आधुनिक विनिदेशरें के साथ बनाई गई है।
रोहतांग र्दे के नीचे एक रणनीतिक सुरंग बनाने का निर्णय तीन जून, 2000 को लिया गया था, जब दिवंगत अटल बिहारी वाजपेयी प्रधानमंत्री थे। सुरंग के दक्षिण पोर्टल के लिए एक्सेस रोड की आधारशिला 26 मई, 2002 को रखी गई थी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने पिछले साल 24 दिसंबर को पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी द्वारा दिए गए योगदान का सम्मान करने के लिए रोहतांग सुरंग का नाम अटल सुरंग के रूप में तय किया था।