राज्य के प्रमुख सिविल सोसाइटी संगठनों और विभिन्न नागरिक समूहों ने ‘बोलेगा बिहार, अक्षय ऊर्जा इस बार’ को लेकर बिहार विधानसभा चुनाव में क्लाइमेट (जलवायु) जन घोषणापत्र का विमोचन किया। उन्होंने कहा कि सभी राजनीतिक दलों से अक्षय ऊर्जा आधारित जलवायु समाधान को सर्वोच्च प्राथमिकता देने की मांग की। इसका उद्देश्य राज्य में जलवायु परिवर्तन के संकट के समाधान के लिए लोगों की आकांक्षाओं और मांगों को सामने लाना और उन पर राजनीतिक सहमति हासिल करना है।
यह जन घोषणापत्र कई चर्चाओं-बैठकों में सहभागितापूर्ण और व्यापक बातचीत के आधार पर तैयार किया गया है। इसमें किसानों, श्रमिकों, महिलाओं, युवाओं, पंचायत प्रतिनिधियों, मुखिया, विधायक, सांसद एवं प्रमुख पार्टियों के प्रवक्ताओं, डॉक्टरों, वकीलों, पत्रकारों, शिक्षाविदों और बुद्धिजीवियों समेत प्रत्येक क्षेत्र के लोगों की सक्रिय भागीदारी रही है।
इस घोषणापत्र का मुख्य उद्देश्य नीति-निर्माताओं से जलवायु परिवर्तन के संकट से निबटने में सक्षम अर्थव्यवस्था के लिए ठोस कदम उठाने की अपील करना है।
इस मौके पर गुरुवार को सेंटर फॉर एनवायरनमेंट एंड एनर्जी डेवलपमेंट (सीड) के सीईओ रमापति कुमार ने कहा, “बिहार बदलाव की दहलीज पर खड़ा है और सभी राजनीतिक दलों के लिए यह समय आम सहमति बनाते हुए बेहतर बिहार बनाने के संकल्प लेने का है। यह चुनाव कोविड-19 महामारी संकट और राज्य में जलवायु परिवर्तन के विध्वंसकारी परिणामों के बीच हैं।”
उन्होंने कहा कि अक्षय ऊर्जा आधारित जलवायु समाधान सभी राजनीतिक दलों के लिए सर्वोच्च प्राथमिकता बने।
सिविल सोसाइटी संगठनों की तरफ से बात रखते हुए महिला उद्योग संघ की अध्यक्ष उषा झा ने कहा, “मैनिफेस्टो केवल वायदों की सूची नहीं होता, बल्कि सभी राजनीतिक दलों के लिए एक विजन डॉक्यूमेंट है, जिसके जरिए वे लोगों का समर्थन हासिल करते हैं।”
उल्लेखनीय है कि ‘बोलेगा बिहार, अक्षय ऊर्जा इस बार’ एक जन अभियान है, जो राज्य के प्रतिष्ठित सिविल सोसाइटी संगठनों के द्वारा अक्षय ऊर्जा पर जन-जागरूकता फैलाने के उद्देश्य के साथ चलाया जा रहा है।