राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) आराम से स्पष्ट बहुमत के साथ बिहार की सत्ता में वापस आ रहा है, लेकिन दिलचस्प बात यह है कि भाजपा, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली जद-यू (जनता दल-यूनाइटेड) से आगे निकलकर सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभर रही है।
शनिवार को आईएएनएस एबीपी-सीवीवोटर द्वारा जारी बिहार राज्य चुनावों के ओपिनियन पोल के आंकड़ों के अनुसार, बिहार में जद-यू और भाजपा को मिलाकर नीतीश कुमार की अगुवाई वाले राजग (राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन) को विधानसभा चुनाव में 135-159 सीटें मिलेंगी, जो स्पषट बहुमत दर्शाता है।
ओपिनियन पोल के अनुसार, भाजपा को 73 से लेकर 81 सीटें मिलने की संभावना है और इसके साथ वह सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरेगी, जबकि जद-यू को 59-87 सीटें मिलेंगी।
ओपिनियन पोल के मुताबिक, राजद-कांग्रेस के नेतृत्व वाले महागठबंधन को 77-98 सीटें मिलेंगी। चिराग पासवान की लोजपा के भी 1-5 सीटें जीतने की संभावना है जबकि अन्य दलों को 4-8 सीटें मिलेंगी। तेजस्वी यादव के नेतृत्व वाली राजद के 56-64 सीटों पर जीतने का अनुमान है, जबकि कांग्रेस 12-20 सीटें जीत सकती है।
लोकसभा मैपिंग के आधार पर राजनीतिक क्षेत्रों में सीटों के अनुमानों से पता चलता है कि एनडीए को पूर्वी बिहार में 16-20 सीटें, मगध-भोजपुर में 36-44, मिथिलांचल में 27-31, उत्तर बिहार में 45-49 और सीमांचल क्षेत्र में 11-15 सीटें मिलेंगी।
चुनावों में भाजपा का सबसे अच्छा स्ट्राइक रेट होगा। 70 प्रतिशत के साथ इसके 110 में से 77 सीटें जीतने की उम्मीद है। 63.8 प्रतिशत के साथ जद-यू की स्ट्राइक रेट कम होगी उसे 115 सीटों में से 63 सीटें मिलने की संभावना है। नीतीश कुमार को सीएम उम्मीदवार के चेहरे के रूप में पेश किया गया है।
पोल का सैंपल साइज 30,678 है और सर्वेक्षण की अवधि 1-23 अक्टूबर है। पिछले 12 हफ्तों में कुल ट्रैकर सैम्पल साइज 60,000 से अधिक है। मेथडॉलजी सभी 243 विधानसभा क्षेत्रों को कवर करने की रही है और मार्जिन त्रुटि राज्य स्तर पर 3 प्रतिशत कम-ज्यादा और क्षेत्रीय स्तर पर 5 प्रतिशत कम-ज्यादा है।