लखनऊ यूनिवर्सिटी को अपने इन-हाउस ऑनलाइन लर्निग पोर्टल ‘स्लेट’ का पहला कॉपीराइट और ट्रेडमार्क प्राप्त हुआ है, जिसका उद्देश्य इस नवाचार से पैसे कमाना है। इसे कोविड-19 महामारी के मद्देनजर घर बैठे छात्रों को ‘360-डिग्री ऑनलाइन कक्षा’ प्रदान करने के लिए विकसित किया गया था। वाइस चांसलर प्रोफेसर ए.के. राय ने कहा, “यह लखनऊ यूनिवर्सिटी के 100 वर्षों के इतिहास में पहली बार है कि संस्था के नाम पर एक कॉपीराइट पंजीकृत किया गया है।”
उन्होंने कहा, “शिक्षण का ऑनलाइन मोड लॉकडाउन के दौरान एक अच्छे विकल्प के रूप में उभरा, लेकिन यह पूर्ण समाधान प्रदान नहीं करता है।”
राय ने कहा, “समय की आवश्यकता एक ‘हाइब्रिड सिस्टम’ की है – ऑनलाइन और ऑन-कैंपस शिक्षा का संयोजन।”
उन्होंने कहा कि लखनऊ यूनिवर्सिटी ने कोविड-19 के कम होने के बाद भी हाइब्रिड सिस्टम के साथ आगे बढ़ने का फैसला किया है क्योंकि कन्टेंट को दूरस्थ क्षेत्रों में भी छात्रों तक पहुंचाया जा सकता है।
राय ने कहा, “कॉपीराइट का मतलब यह होगा कि ‘स्लेट’ को अपनाने की इच्छा रखने वाला कोई भी संस्थान हमें रॉयल्टी देकर ऐसा कर सकता है।”