कोरोना संकट के दौरान भी योगी सरकार वित्तीय व्यवस्था ठीक करने में लगी रही। इस दौरान राज्य सरकार 45,000 करोड़ रुपये का निवेश लाने में सफल रही है। जल्द ही ये कंपनियां निवेश की प्रक्रिया को आगे बढ़ाएंगी। अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास आयुक्त आलोक टंडन ने जानकारी देते हुए बताया कि जापान, अमेरिका, ब्रिटेन, कनाडा, जर्मनी, दक्षिण कोरिया समेत 10 देशों की कंपनियों ने निवेश के प्रस्ताव दिए।
हीरानंदानी ग्रुप ग्रेटर नोएडा में डाटा सेंटर बनाने में 750 करोड़ रुपये का निवेश करेगा। ब्रिटानिया इण्डस्ट्रीज इंटीग्रेटेड फूड प्रोसेसिंग यूनिट लगाने में 300 करोड़ रुपये का निवेश करेगा। एसोसिएटेड ब्रिटिश फूड पीएलसी (एबी मौरी) खमीर मैन्यूफैक्च रिंग में 750 करोड़, डिक्सन टेक्नोलॉजीज कन्ज्यूमर इलेक्ट्रॉनिक्स में 200 करोड़, न वेलिक्स (जर्मनी) फुटवियर निर्माण में 300 करोड़ रुपये का निवेश करेगा। साथ ही सूर्या ग्लोबल फ्लेक्सी फिल्म्स प्राइवेट लिमिटेड भी यूपी में निवेश करेगी।
आईआईडीसी ने बताया कि पिछले 6 महीने में उत्तर प्रदेश के औद्योगिक विकास प्राधिकरणों ने निवेश परियोजनाओं के लिए लगभग 426 एकड़ (326 भूखण्ड) आवंटित किए हैं। जिसमें लगभग 6,700 करोड़ रुपये का निवेश प्रस्तावित है और लगभग 1,35,362 रोजगार के अवसरों के सृजन की सम्भावना है।
इसमें प्रमुख रूप से हीरानंदानी ग्रुप, सूर्या ग्लोबल, हिंदुस्तान यूनिलीवर, एमजी।कैप्सूल्स, केशो पैकेजिंग, माउंटेन व्यू टेक्नॉलॉजी शामिल हैं।
प्रदेश में निवेश को बढ़ावा देने के लिए उठाए गए कदमों की जानकारी देते हुए अपर मुख्य सचिव, अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास आलोक कुमार ने बताया कि इंडस्ट्री विभाग ने 52 प्रक्रियात्मक औपचारिकताओं का सरलीकरण किया।
उन्होंने बताया कि कोविड-19 के दौरान कई औद्योगिक नीतियां घोषित की। 6 महीने में 6700 करोड़ रुपये की निवेश परियोजनाओं के लिए 326 भूखंड आवंटित किए गए। राज्य सरकार द्वारा किए गए प्रमुख सुधारों में से एक, भारत के सबसे बड़े डिजिटल सिंगल विण्डो पोर्टल ‘निवेश मित्र’ का कार्यान्वयन है, जिसके जरिये उद्यमियों को लगभग 166 सेवाएं प्रदान की जाती हैं। उद्यमियों के आवेदनों के 93 प्रतिशत की औसत निस्तारण दर के साथ निवेश मित्र पोर्टलपर प्राप्त 98 फीसद शिकायतों का निस्तारण सफलतापूर्वक किया गया है।