शहरी योजना बनाने व सीखाने में लिए देश में पांच शैक्षणिक केंद्र स्थापित किए जाएंगे। केंद्र सरकार इन शैक्षणिक संस्थानों पर 1250 करोड़ रुपये का शुरूआती निवेश करेगी।
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट घोषणा करते हुए कहा कि शहरी योजना और डिजाइन में भारत विशिष्ट ज्ञान विकसित करने की योजना है। शहरी योजना और डिजाइन में प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए, विभिन्न क्षेत्रों में पांच मौजूदा शैक्षिक संस्थाओं को उत्कृष्टता केंद्रों के रूप में नामित किया जाएगा।
वित्त मंत्री ने कहा कि ऐसे प्रत्येक केंद्र के लिए 250 करोड़ रुपये का इनडॉवमेंट फंड प्रदान किया जाएगा। यानी पांचों केंद्रों को कुल 1250 करोड़ रुपये का इनडॉवमेंट फंड प्रदान किया जाएगा। शिक्षा मंत्रालय के अन्तर्गत आने वाला अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) शहरी योजना से संबंधित पाठ्यक्रमों में सुधार लाने, गुणवत्ता बढ़ाने और पहुंच कायम करने में अग्रणी भूमिका निभाएगा।
वित्त मंत्री ने घोषणा करते हुए कहा कि विभिन्न प्रकार के अनुप्रयोगों के माध्यम से ‘ड्रोन शक्ति’ की सुविधा प्रदान करने और ड्रोन-एएस-ए-सर्विस (डीआरएएएस) के लिए स्टार्टअप को बढ़ावा दिया जाएगा। सभी राज्यों के चुनिंदा आईटीआई संस्थानों में कौशल विकास के लिए अपेक्षित पाठ्यक्रम चलाए जाएंगे।
निर्मला सीतारमण ने कहा कि इस महमारी से बाध्य होकर स्कूलों को बंद किए जाने के कारण हमारे बच्चे, विशेषकर ग्रामीण क्षेत्रों से आने वाले और जो अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों तथा अन्य पिछड़े वर्गों के हैं, को लगभग दो वर्ष की औपचारिक शिक्षा से वंचित होना पड़ा है। अधिकतर ये बच्चे सरकारी स्कूलों में पढ़ते हैं। हम अनुपूरक शिक्षण दिए जाने और शिक्षा हेतु एक उत्थानशील तंत्र तैयार करने की जरूरत को स्वीकार करते हैं। इस उद्देश्य से पीएम ई-विद्या के ‘वन क्लास-वन टीवी चैनल’ कार्यक्रम को 12 टीवी चैनलों से बढ़ाकर 200 टीवी चैनलों तक पहुंचाया जाएगा। इससे सभी राजय 1-12 तक की कक्षा के छात्रों के लिए अपनी क्षेत्रीय भाषाओं में अनुपूरक शिक्षा प्रदान कर सकेंगे।
कारोबारी व्यय के रूप में ‘स्वास्थ्य एवं शिक्षा उपकर’ के संबंध में स्पष्टीकरण देते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि आयकर कारोबारी आय की गणना के लिए एक स्वीकार्य व्यय नहीं है। इसमें कर के साथ-साथ अधिभार भी शामिल हैं। ‘स्वास्थ्य एवं शिक्षा उपकर’ विनिर्दिष्ट शासकीय कल्याणकारी कार्यक्रमों के वित्त पोषण के लिए करदाता पर एक अतिरिक्त अधिभार के रूप में अधिरोपित किया जाता है। परंतु, कुछ न्यायालयों ने ‘स्वास्थ्य एवं शिक्षा उपकर’ को कारोबारी व्यय के रूप में स्वीकृत किया है, जो विधायी अभिप्राय के विरुद्ध है। विधायी अभिप्राय दोहराने के लिए वित्त मंत्री ने यह स्पष्ट करने का प्रस्ताव किया कि आय और मुनाफे पर किसी भी अधिभार या उपकर को करोबारी व्यय के रूप में स्वीकृत नहीं किया जा सकता है।
निर्मला सीतारमण ने कहा कि देशभर के विद्यार्थियों को उनके द्वार पर व्यक्तिगत तौर पर पहुंच के साथ विश्वस्तरीय गुणवत्तापूर्ण सर्वसुलभ शिक्षा देने के लिए एक डिजिटल विश्वविद्यालय स्थापित किया जाएगा। यह विभिन्न भारतीय भाषाओं और आईसीटी फॉर्मेट में उपलब्ध कराया जाएगा। यह विश्वविद्यालय नेटवर्क आधारित हब-स्पोक मॉडल पर बनाया जाएगा, जिसमें हब भवन अत्याधुनिक आईसीटी विशेषज्ञता से युक्त होंगे। देश के सर्वश्रेष्ठ सार्वजनिक विश्वविद्यालय और संस्थान हब-स्पोक के नेटवर्क के रूप में सहयोग करेंगे।