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वेक्टर जनित बीमारियों को खत्म करने के लिए योगी आदित्यनाथ का ‘जीरो मिशन’

उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ सरकार जापानी इंसेफेलाइटिस, डेंगू, मलेरिया, टाइफाइड, निमोनिया और जीका वायरस जैसी वेक्टर जनित बीमारियों को खत्म करने के लिए ‘जीरो मिशन’ शुरू करने जा रही है। राज्य सरकार का लक्ष्य 2025 तक वेक्टर जनित बीमारियों को खत्म करना है।

चिकित्सा स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभाग की हालिया प्रस्तुति के अनुसार, 2017 और 2021 के बीच उत्तर प्रदेश में एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम (एईएस) और जापानी इंसेफेलाइटिस (जेई) से होने वाली मौतों में क्रमश: 90 प्रतिशत और 95 प्रतिशत की गिरावट आई है।

राज्य के सरकारी प्रवक्ता ने कहा कि इस अवधि के दौरान एईएस और जेई मामलों की कुल संख्या में भी क्रमश: 65 और 78 प्रतिशत की गिरावट आई है।

मामलों के संख्या में गिरावट का श्रेय गोरखपुर, देवरिया, फिरोजाबाद और सिद्धार्थ नगर जैसे इंसेफेलाइटिस प्रभावित जिलों में योगी सरकार के निरंतर अभियान को दिया जाता है।

राज्य सरकार ने गोरखपुर और देवरिया में अत्याधुनिक पीडियाट्रिक इंटेंसिव केयर यूनिट (पीआईसीयू) स्थापित किए है। साथ ही दो बीमारियों से पीड़ित मरीजों की बेहतर देखभाल के लिए मोबाइल मेडिकल यूनिट की भी व्यवस्था की है।

योगी सरकार स्वास्थ्य सेवा में सुधार लाने के कई कदम उठा रही है। इस कड़ी में सीएम योगी लाइफ सपोर्ट सिस्टम से लैस एम्बुलेंस की संख्या को दोगुना करने के साथ 6,000 डॉक्टरों और 10,000 पैरा मेडिकल स्टाफ की नियुक्ति करने की योजना बना रही है।

राज्य में जन औषधि केंद्रों का विस्तार करने का भी प्रयास किया जा रहा है, ताकि लोगों को सस्ती दरों पर दवाएं मिल सके।

योगी सरकार ने वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए अपने बजट में स्वास्थ्य सेवा में सुधार के लिए पर्याप्त प्रावधान किए हैं।

राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन के लिए 5,395 करोड़ रुपये, आयुष्मान भारत योजना के लिए 1,300 करोड़ रुपये, आयुष्मान भारत मुख्यमंत्री जन आरोग्य योजना के लिए 142 करोड़ रुपये, प्रधानमंत्री मातृत्व वंदना योजना के लिए 320 करोड़ रुपये, बुनियादी ढांचे के निर्माण के लिए 1,073 करोड़ रुपये, शहरी स्वास्थ्य एवं आरोग्य केंद्रों के लिए 425 करोड़ रुपये और राज्य औषधि नियंत्रण प्रणाली को सु²ढ़ करने के लिए 54 करोड़ रुपये का प्रस्ताव है।

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