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रेल, हवाई अड्डे, बंदरगाह डिजाइन, निर्माण और संचालन पर आधारित आईआईटी के बी.टेक प्रोग्राम विभाग की स्थापना

आईआईटी जोधपुर के मुताबिक उनका खास बी.टेक. प्रोग्राम देश का पहला ऐसा प्रोग्राम है जिसके तहत दो खास ग्रुप के कोर्स शुरू किए गए हैं। इनमें से एक इंफ्रास्ट्रक्च र इंजीनियरिंग है। आईआईटी के मुताबिक इन्फ्रास्ट्रक्च र इंजीनियरिंग के कोर्स विशाल दूरसंचार, आईटी इन्फ्रास्ट्रक्च र, रेलवे, हवाई अड्डे और जहाज बंदरगाह डिजाइन के नियोजन, निर्माण और संचालन, इन्फ्रास्ट्रक्च र नियोजन, प्रबंधन और इंजीनियरिंग, थर्मल और न्यूक्लियर पावर इंफ्रास्ट्रक्च र इंजीनियरिंग और ग्रीन बिल्डिंग एवं सस्टेनेबल मैटेरियल्स पर केंद्रित हैं। आईआईटी जोधपुर ने देश में सिविल और इंफ्रास्ट्रक्च र इंजीनियरिंग की चुनौतियां दूर करने की दिशा में बड़ा कदम बढ़ाया है। यहां एक एक सिविल और इंफ्रास्ट्रक्च र इंजीनियरिंग विभाग की स्थापना की गई है। इसमें इंजीनियरिंग और विज्ञान के कई प्रभाग एक साथ शामिल किए गए हैं जो मिलकर चुनौतियों का सामधान देंगे। विभाग में नई पीढ़ी के इंजीनियर प्रशिक्षित किए जाएंगे जो विशाल इन्फ्रास्ट्रक्च र डिजाइन करेंगे। ये स्मार्ट, सस्टेनेबल और जलवायु परिवर्तन के अनुकूल होंगे।

यह विभाग वर्तमान में ‘सिविल एंड इंफ्रास्ट्रक्च र इंजीनियरिंग’ में बी.टेक. प्रोग्राम का संचालन करता है। बी.टेक. प्रोग्राम में विद्यार्थी सामान्य बी.टेक. के अलावा चार साल में खास कर ‘स्मार्ट इंफ्रास्ट्रक्च र’, ‘ऊर्जा’ या ‘पर्यावरण’ में ‘विशेषज्ञता प्राप्त करेंगे। इसके अतिरिक्त इच्छुक विद्यार्थी बी. टेक. को बी.टेक. एम. टेक. डुअल डिग्री में भी बदल सकते हैं और पांच साल के अंदर ऊर्जा या पर्यावरण में डुअल डिग्री हासिल कर सकते हैं। विद्यार्थी इन ‘विशेषज्ञताओं’ और ‘डुअल डिग्री’ के साथ ट्रांस्फॉर्मेटिव टेक्नोलॉजी में आधुनिक प्रशिक्षण और अधिक गहन शोध का अनुभव प्राप्त करेंगे।

इसका दूसरा ग्रुप स्मार्ट इंफ्रास्ट्रक्च र सिस्टम है। इसमें स्मार्ट इंफ्रास्ट्रक्च र के तहत सिविल इंजीनियरिंग में एआई, एमएल के उपयोग सिविल इंजीनियरिंग में साइबर फिजिकल सिस्टम ऐसेट मैनेजमेंट के लिए डिजिटल ट्विन इंटेलिजेंट बिल्डिंग और इन्फ्रास्ट्रक्च र की निगरानी और सुरक्षा पर केंद्रित कोर्स हैं।

विभाग के दो एम.टेक. और एम. टेक. पीएचडी कोर्स भी हैं। ये इन्फ्रास्ट्रक्च र इंजीनियरिंग विद स्पेशलाइजेशन इन एनर्जी और इन्फ्रास्ट्रक्च र इंजीनियरिंग विद स्पेशलाइजेशन इन एनवायरनमेंटल इंजीनियरिंग’ के कोर्स हैं। बी.टेक. और एम.टेक, एम. टेक. पीएचडी कोर्स भारत और विदेशों के उद्योग जगत के साथ गंभीर विचार विमर्श के बाद तैयार किए गए हैं। कोर्स के स्नातक स्मार्ट इंफ्रास्ट्रक्च र सिस्टम में विशिष्ट प्रशिक्षण प्राप्त होंगे और विशाल इन्फ्रास्ट्रक्च र में एआई एमएल का उपयोग कर डिजिटल कंस्ट्रक्शन और मॉनिटरिंग सिस्टम बनाने में कुशल होंगे।

विभाग की विशिष्टता बताते हुए आईआईटी जोधपुर के सिविल और इंफ्रास्ट्रक्च र इंजीनियरिंग विभाग प्रमुख डॉ. रंजू मोहन ने कहा, हम नई पीढ़ी के इंजीनियर बनाना चाहते हैं। इसलिए हमारे प्रशिक्षण कार्यक्रमों को सब के अनुकूल और लचीला बनाते हैं और फिर विभिन्न विषयों को आपस में जोड़ कर प्रशिक्षण प्रदान करते हैं। हम ने अनुसंधान संगठनों, शिक्षाविदों और उद्योगों से संवाद कर इनकी बुनियाद रखी है। हमारे यूजी और पीजी प्रोग्राम करिकुलम हमारे व्यापक उद्देश्य के अनुरूप हैं। संस्थान के शिक्षक निरंतर सहयोग संबंधों के साथ मिल कर निर्माण करने का प्लैटफॉर्म तैयार कर रहे हैं जो सिविल और इन्फ्रास्ट्रक्च र क्षेत्र के प्रतिष्ठानों को एक साथ मिल कर एक जगह पर विभिन्न सामाजिक मुद्दों का समाधान देने में सक्षम बनाएगा।

आईआईटी जोधपुर का सिविल और इंफ्रास्ट्रक्च र इंजीनियरिंग विभाग औद्योगिक शोध परामर्श के कई प्रोजेक्ट पर कार्यरत है जैसे नदियों को परस्पर जोड़ने और जल परिवहन के लिए राजस्थान सरकार का विशेष प्रोजेक्ट और हवाई अड्डों के ग्लास फाइबर रीइन्फोस्र्ट कम्पोजिट पर हवा के भार का विश्लेषण और सौर ऊर्जा पार्क ऑपरेटरों सेवा देने के प्रोजेक्ट विभाग के कुछ छात्र और शिक्षक हवा की गुणवत्ता मॉडलिंग और क्लाइमेट मॉडलिंग, हाइड्रोक्लाइमैटिक एक्स्ट्रीम का पूर्वानुमान, विंड टरबाइन की निगरानी, स्वच्छ प्रक्रिया से हाइड्रोकार्बन के उत्पादन आदि शोधों में शामिल हैं।

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