अमेरिका ने भारत से अमेरिकी नागरिकों को निकालना शुरू कर दिया है, जो कोरोनावायरस के कारण भारत में लगे लॉकडाउन की वजह से फंसे हुए थे।
विदेश विभाग द्वारा भारत में अमेरिकियों को भेजे और आईएएनएस द्वारा देखे एक ईमेल के अनुसार, शनिवार को उड़ानों की पहली श्रृंखला शुरू हुई। चार्टर्ड प्लेन नई दिल्ली से सैन फ्रांसिस्को और मुंबई से अटलांटा के लिए उड़ान भरेंगे।
पिछले महीने, विदेश विभाग के काउंसलर मामलों के प्रिसिंपल डेप्यूटी असिस्टेंट सेक्रेटरी इयान ब्राउनली ने कहा कि नई दिल्ली क्षेत्र से लगभग 1,500, मुंबई क्षेत्र से 600 से 700 के बीच और अन्य जगहों से 300 से 400 लोगों ने घर लौटने की इच्छा जताई है।
विदेश विभाग ने पिछले महीने एक लेवल 4 अलर्ट जारी किया, जिसमें अपने नागरिकों को अंतर्राष्ट्रीय यात्रा न करने और विदेश जाने वालों को स्वदेश लौटने की सलाह दी थी।
ईमेल में आगाह किया, हमें नहीं पता कि ये उड़ानें कब तक जारी रहेंगी। और कहा कि वे शायद निकट समय में अमेरिका लौटने के लिए उनका सबसे अच्छा विकल्प हो सकते हैं।
हालांकि, इसमें यह भी कहा गया, हम सभी अमेरिकी नागरिकों और वैध स्थायी निवासियों को प्रोत्साहित करते हैं जो अपने विकल्पों और जोखिमों का आकलन कर अमेरिका लौटने की इच्छा रखते हैं।
ईमेल में संकेत दिया गया कि उड़ानों में ग्रीन कार्ड धारकों और वीजा-धारकों को भी शामिल किया जा सकता है। इसमें कहा गया है कि चार्टर्ड प्लेन मुंबई की उड़ानों को इस सप्ताहांत शुरू करना है और अटलांटा जाना है।
मुंबई से उड़ानें भारत के दक्षिणी और पश्चिमी हिस्सों में अमेरिकियों के लिए हैं और गोवा, अहमदाबाद, सूरत, वडोदरा, वलसाड और पुणे से मुंबई के लिए ग्राउंड ट्रांसपोर्टेशन किया जाएगा।
चेन्नई और हैदराबाद में अमेरिकी वाणिज्य दूतावास मुंबई जाने के लिए अमेरिकियों के लिए घरेलू चार्टर उड़ानों का बंदोबस्त करने के लिए काम कर रहे हैं।
ईमेल में कहा गया है कि नई दिल्ली की उड़ानें उन लोगों के लिए है जो उत्तरी और पूर्वी राज्यों में हैं और अमेरिका सैन फ्रांसिस्को चार्टर से जुड़ने के लिए कोलकाता, देहरादून, अमृतसर और चंडीगढ़ से उड़ानों की योजना बना रहा है। इसने कहा कि यह जयपुर, लुधियाना और धर्मशाला से नई दिल्ली तक बसें चलाने की योजना बना रहा है।
विदेश विभाग ने नागरिकों को घर लाने के लिए एक विश्वव्यापी कार्यक्रम शुरू किया है। इसने पिछले सप्ताह बांग्लादेश से चार्टर्ड उड़ानें शुरू कीं और पहले भूटान से बीमार एक व्यक्ति को निकाला था।