लॉकडाउन को समर्थन देने वाले पहले नेताओं में से एक पूर्व केंद्रीय मंत्री पी. चिदंबरम ने बुधवार को सुझाव दिया कि लॉकडाउन हटाने को लेकर कोई भी फैसला करने से पहले राज्यों से सलाह ली जाए। उन्होंने यह भी मांग की कि सरकार गरीबों को नकद राशि दे।
चिदंबरम ने ट्वीट कर कहा, लॉकडाउन का समर्थन करने वाले पहले लोगों में से एक होने के बीच, मैं 14 अप्रैल के बाद लॉकडाउन हटाया जाए या नहीं, इसे लेकर केंद्र सरकार का राज्यों से सलाह-मशविरा करने का स्वागत करता हूं।
उन्होंने कहा कि इस सवाल का जवाब व्यक्तिगत या क्षेत्रीय हितों पर आधारित नहीं हो सकता। उत्तर केवल दो संख्याओं द्वारा निर्धारित किया जाना चाहिए।
पूर्व केंद्रीय मंत्री ने लॉकडाउन पर कोई रणनीति न बनाने के लिए केंद्र सरकार की अलोचना की।
उन्होंने कहा, लॉकडाउन रणनीति में जो कुछ गायब है, वह है गरीब लोगों के हाथों में नकदी नहीं देना। गरीबों के कई वर्ग ऐसे हैं, जिन्हें सरकार से एक भी रुपया नहीं मिला है।
चिदंबरम ने कहा, 23 प्रतिशत बेरोजगारी (सीएमआईई) होने और दिहाड़ी मजदूरी / आय बंद होने के साथ, सरकार को तुरंत गरीबों को संसाधन और प्रतिपूर्ति (नकदी देना) देने की व्यवस्था करनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि सरकार के गलत और लापरवाह रवैये ने गरीबों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं।
कोरोनोवायरस का फैलाव रोकने के लिए भारत में 21 दिनों का लॉकडाउन है। इसकी अवधि 14 अप्रैल को खत्म होनी है।