कोरोना वायरस की महामारी के चलते इंदौर में मरीजों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है और कई क्षेत्रों में एक के बाद एक मरीज मिल रहे हैं। इस वजह से इंदौर को पूरी तरह सील कर दिया गया है। स्थानीय प्रशासन ने कहा है कि अब यहां किसी भी व्यक्ति की अंतिम यात्रा में पांच से ज्यादा लोग शामिल नहीं हो सकेंगें ।
जिलाधिकारी मनीष सिंह द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि इंदौर शहर में वर्तमान में कोरोना के चलते सोशल डिस्टेंसिंग रखना अतिआवश्यक है तथा साथ ही साथ एक ही स्थान पर रहवासियों के स्वास्थ्य सुरक्षा हेतु भीड़ न लगे इसके लिए वर्तमान में कर्फ्यू प्रभावशील है।
पूर्व के समय में यह देखने में आया है कि कुछ स्थलों पर कोरोना वायरस पॉजिटिव केवल इसलिए पाए गए, क्योंकि वे किसी शवयात्रा या जनाजे में कर्फ्यू के प्रभावशील रहते हुए शामिल हुए थे एवं उसके कुछ दिनों बाद ही संबंधित क्षेत्रों में कोरोना पॉजिटिव मरीज पाए गए।
आदेश में कहा गया है कि किसी भी व्यक्ति की मृत्यु अर्थात नैसार्गिक, किसी भी बीमारी से अस्पताल अथवा घर पर होने पर किसी भी शवयात्रा या जनाजे में अधिकतम पांच व्यक्ति शामिल हो सकेंगे। पांच से अधिक व्यक्तियों के शामिल होने पर इस आदेश का उल्लंघन माना जाएगा।
साथ ही शव को सीधे अंतिम संस्कार स्थल पर भेजने का भी इस आदेश में जिक्र करते हुए कहा गया है कि अस्पताल में किसी भी कोरोना पॉजिटीव मरीज अथवा अन्य प्रकार की किसी भी बीमारी में मृत्यु होने पर पार्थिव देह अस्पतालों से सीधे श्मशान या कब्रिस्तान या अंतिम संस्कार समस्त अन्य स्थलों पर सीधे भेजी जाएगी। किसी भी स्थिति में किसी भी पार्थिव देह को इंदौर जिले की सीमा से बाहर जाने की अनुमति नहीं रहेगी।
ज्ञात हो कि इंदौर में 221 मरीज कोरोना पीड़ित पाए गए हैं, वहीं 23 लोगों की मौत हो चुकी है। इसके चलते यहां कर्फ्यू लगा दिया गया है और सील कर दिया गया है।