कोरोना के कहर का साया देश के शेयर बाजार पर इस सप्ताह भी बना रहेगा, हालांकि वैश्विक संकेतों से घरेलू बाजार को दिशा मिलेगी। साथ ही, प्रमुख आर्थिक आंकड़ों और देशव्यापी लॉकडाउन बढ़ाने को लेकर सरकार के फैसले पर निवेशकों की नजर बनी रहेगी।
पिछले सप्ताह विदेशी बाजारों से मिले सकारात्मक संकेतों और कोरोना के प्रकोप से मिल रही आर्थिक चुनौतियों से निपटने के लिए सरकार द्वारा एक और राहत पैकेज की उम्मीदों से दलाल स्ट्रीट की रौनक बनी रही जिसका इस सप्ताह भी निवेशकों को इंतजार रहेगा।
हालांकि कोरोनावायरस के संक्रमण मामले देश में लगातार बढ़ने और इससे लोगों की मौत होने से प्रकोप गहराने की आशंका बनी हुई है जिसका असर बाजार पर भी बना रहेगा। साथ ही, गहराते प्रकोप की आशंकाओं के बीच इस बात की भी अटकलें लगाई जा रही हैं कि सरकार देशव्यापी लॉकडाउन की अवधि आगे बढ़ा सकती है। देशभर में लागू 21 दिनों के लॉकडाउन की अवधि इस सप्ताह 14 अप्रैल को समाप्त हो रही है।
उधर, मार्च हीने में देश की खुदरा और थोक महंगाई के आंकड़े समेत कुछ और प्रमुख आर्थिक आंकड़े भी इस सप्ताह जारी हो सकते हैं। वहीं, अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल का भाव और डॉलर के मुकाबले रुपये की चाल पर बाजार की नजर बनी रहेगी।
इसके अलावा, विदेशों में जारी होने वाले प्रमुख आर्थिक आंकड़ों का भी निवेशकों को इंतजार रहेगा।
इस समय सबसे ज्यादा चिंता कोरोनावायरस के संक्रमण से वैश्विक अर्थव्यवस्था को मिल रही चुनौतियों की है जिससे उबरने की कोशिश में सरकारों की ओर से राहत पैकेजों की घोषणा की गई हैं और केंद्रीय बैंकों द्वारा ब्याज दरों में भारी कटौती की गई है। भारत में भी सरकार ने लॉकडाउन के बाद ही 1.70 लाख करोड़ रुपये की राहत पैकेज की घोषणा की थी। बाजार को इसी प्रकार की एक और राहत पैकेज का इंतजार है।