जर्नलिस्ट यूनियन ऑफ उत्तर प्रदेश के महासचिव आर. जयन ने गुरुवार को कहा कुछ कथित तबलीगी जमाती सदस्यों द्वारा देश की प्रतिष्ठित समाचार एजेंसी-आईएएनएस को डराने की नाकाम कोशिश लोकतंत्र के चौथे स्तंभ-मीडिया की स्वतंत्रता पर हमला है और इस मसले को गंभीरता से लेकर केंद्र सरकार को कार्रवाई करनी चाहिए।
जर्नलिस्ट यूनियन ऑफ उत्तर प्रदेश के महासचिव आर. जयन ने यहां गुरुवार को जारी बयान में कहा कि हाल ही में असलियत उजागर करने वाली प्रतिष्ठित समाचार एजेंसी-इंडो-एशियन न्यूज सर्विस (आईएएनएस) के सब्सक्राइबर्स और पत्रकारों को तबलीगी जमाती से जुड़े कुछ कथिति सदस्यों द्वारा जो डराने की कोशिश की गई है, वह आपराधिक कृत्य की श्रेणी में आता है और यह लोकतंत्र के चौथे स्तंभ मीडिया की स्वतंत्रता पर हमला है।
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार इसे गंभीरता से लें और ऐसे तत्वों के खिलाफ तत्काल प्रभाव से कार्यवाही करें। उन्होंने कहा कि इस संदर्भ में उनके संगठन ने राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री को एक पत्र भी लिखा है, जिसमें समाचार एजेंसी द्वारा किये गए खुलासे की जांच राष्ट्रीय स्तर की एजेंसी से कराने की मांग की गयी है।
वहीं, बुंदेलखंड़ के महिला पत्रकारों के संगठन जर्नलिस्ट पॉवर ऑफ बुंदेलखंड़ की अध्यक्ष प्रियंका त्रिपाठी (महोबा) ने कहा कि वैश्विक महामारी का का रूप ले चुके कोविड-19 के खिलाफ योद्धा के रूप में उभरे मीडिया संस्थानों, उनसे जुड़े पत्रकारों, पुलिस और स्वास्थ्यकर्मियों के खिलाफ लगातार हमले हो रहे है, जो खेदजनक हैं।
त्रिपाठी ने कहा, आईएएनएस जैसी प्रतिष्ठित समाचार एजेंसी को डराने और चुप कराने की नाकाम कोशिश इसका जीता जागता उदाहरण है कि किस तरह असामाजिक ताकतें अपना फन उठा रही हैं। उनके खिलाफ गम्भीर कार्रवाई होनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि राष्ट्रहित में इसे तत्काल बंद होना चाहिए और धमकाने जैसा आपराधिक कृत्य करने वालों को रासुका के तहत निरुद्ध किया जाना चाहिए।