उत्तर प्रदेश के पीलीभीत टाइगर रिजर्व (पीटीआर) के पास जरी गांव में बाघ द्वारा किए गए कई हमलों में पांच लोगों के घायल होने की जानकारी सामने आई है।
बाघ ने एक वन विभाग की टीम पर भी हमला करने का प्रयास किया, जो कि उसे वापस जंगल में ले जाने के लिए आई थी। इस हमले में दो कर्मी घायल हो गए।
पीड़ितों के अनुसार, यह घटना शुक्रवार को पहली बार तब हुई जब जरी गांव के दो भाइयों गुरप्रीत सिंह और हरदीप सिंह पर बाघ ने हमला किया। हमले के वक्त वे दोनों अपनी मोटरसाइकिल से अपने खेत पर जा रहे थे और रास्ते में उन पर बाघ ने धावा बोल दिया। बाघ उनके काफी करीब था, हालांकि दोनों मोटरसाइकल की गति तेज कर भागने में सफल रहे।
बाघ ने कुछ ही मिनटों के बाद एक साइकिल सवार राम बहादुर पर हमला कर दिया और उसे घायल कर दिया। हालांकि बाइक इंजन और दो भाइयों द्वारा किए गए शोर के कारण बाघ ने उसे छोड़ दिया।
इसके बाद 10 मिनट के अंदर ही बाघ ने दो यात्रियों उजागर सिंह और लालपुर गांव के उनके सहयोगी लालता प्रसाद पर फिर से हमला कर दिया। हमले में उनके सिर और कंधे पर गंभीर चोट आई। हालांकि उन्होंने चीखना शुरू कर दिया और जिस लाठी को वे ले जा रहे थे उसी से बाघ को खदेड़ना शुरू कर दिया, जिससे बाघ उन्हें छोड़कर पास की झाड़ियों में गायब हो गया।
पीटीआर के उप निदेशक नवीन खंडेलवाल ने कहा कि बाघ को वन कर्मचारी जब वापस जंगल में भगाने की कोशिश कर रहे थे तब उसने कर्मचारियों पर भी हमला करने कोशिश की।
खंडेलवाल ने कहा, ऑपरेशन को शुक्रवार दोपहर को रोक दिया गया था और जमीनी परिस्थितियों के आधार पर फिर से शुरू किया जाएगा, क्योंकि हम बाघ को बेहोश नहीं करना चाहते हैं। जब तक बाघ जंगल में वापस नहीं आ जाता है, तब तक के लिए ग्रामीणों की सुरक्षा के लिए वन विभाग की टीमें बाघ की गतिविधियों पर निगरानी रखेगी।