देश की अर्थव्यवस्था को गति प्रदान करने में कृषि क्षेत्र के महत्व को ध्यान में रखते हुए केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने गुरुवार को एक बार फिर किसानों के लिए कुछ बड़े एलान किए जिनमें किसान क्रेडिट कार्ड यानी केसीसी धारकों को सस्त कर्ज मुहैया करवाने के लिए दो लाख करोड़ रुपये के अतिरिक्त धन का प्रावधान किया गया है। इस अतिरिक्त राशि से कृषि एवं ग्रामीण अर्थव्यवस्था में तरलता बढ़ेगी। वित्तमंत्री ने कहा कि इस राशि से देश के करीब 2.5 करोड़ किसान, पशुपालक और मछुआरे लाभान्वित होंगे।
इसके अलावा किसानों के लिए नाबार्ड के जरिए 30,000 करोड़ रुपये की अतिरिक्त आपात कार्यशील पूंजी की व्यवस्था की गई है। वित्तमंत्री ने कहा कि ग्रामीण सहकारी बैंकों और आरआरबी के फसल कर्ज की जरूरतों को पूरा करने के लिए नाबार्ड 30,000 करोड़ रुपये की अतिरिक्त वित्तीय राशि की मदद करेगा। यह राशि नाबार्ड द्वारा सामान्य तौर पर कृषि क्षेत्र को दिए जाने वाले 90,000 करोड़ रुपये के अतिरिक्त होगी और इससे तीन करोड़ छोटे व सीमांत किसानों को फायदा होगा और उनकी रबी फसलों की कटाई के बाद और चालू खरीफ सीजन की जरूरतों की पूर्ति होगी।
वित्तमंत्री ने कंपन्सेंटरी एफोरेस्टरी मैनेंजमेंट एंड प्लानिंग अथॉरिटी यानी कैंपा फंड के तहत 6000 करोड़ रुपये की राशि का प्रावधान किया है जिसका उपयोग वनरोपण, पौधारोपण कार्य के लिए किया जाएगा, जिससे शहरी, अर्धशहरी और ग्रामीण व जनजातीय इलाकों में रोजगार सृजन होगा।