एक शीर्ष अधिकारी ने कहा कि अस्पताल में भर्ती 29 कैंसर रोगियों (कैंसर के विभिन्न प्रकार और चरणों) में से 20 अब सफलतापूर्वक कोरोना से ठीक हो गए हैं।
सात कोरोना संक्रमित कैंसर रोगियों का अभी भी अस्पताल में इलाज चल है, जबकि दो की मत्यु हो गई।
कोरोनावायरस से संक्रमित एक स्वस्थ व्यक्ति का इलाज करना बड़ी चुनौती नहीं है। लेकिन जब कोई व्यक्ति पहले से ही किसी गंभीर बीमारी से पीड़ित हो और कोरोनोवायरस से संक्रमित हो जाए तो कोरोना का इलाज चुनौतीपूर्ण हो जाता है।
राजीव गांधी गवर्नमेंट हॉस्पिटल की डीन जयंती रंगराजन ने आईएएनएस को बताया, ” ऐसे व्यक्ति पहले से ही मनोवैज्ञानिक चुनौती से गुजर रहे होते हैं। नतीजतन, उपचार में जटिलताएं बढ़ जाती हैं।”
उन्होंने कहा कि कैंसर से पीड़ित व्यक्ति का प्रतिरक्षा स्तर कम होता है और इसलिए कोरोनावायरस संक्रमण का खतरा ज्यादा होता है।
जयंती रंगराजन ने कहा कि कोरोना और कैंसर की दवाओं के कोई इंटरैक्शन नहीं है।
उन्होंने कहा कि कैंसर रोगियों को उच्च कैलोरी और प्रोटीन से भरपूर विशेष आहार दिए गए। रंगराजन के अनुसार, सबसे कम उम्र की कैसर रोगी 13 वर्षीय एक लड़की थी और सबसे ज्यादा उम्र के एक 73 वर्षीय बुजुर्ग थे।