तिब्बत स्वायत्त प्रदेश के सांस्कृतिक विरासत ब्यूरो से 22 मई को मिली खबर के अनुसार, साल 2019 में तिब्बत में सांस्कृतिक विरासतों के संरक्षण से जुड़ी 110 परियोजनाओं का कार्यान्वयन किया गया, जिनसे बड़ी संख्या में महत्वपूर्ण सांस्कृतिक विरासत संरक्षण इकाइयों की रक्षात्मक क्षमता बढ़ गई और सांस्कृतिक विरासतों का और अच्छी तरह संरक्षण व प्रयोग किया गया है।
ल्हाला शहर में स्थिति रामोछे गोन्बा मठ में भीति-चित्र की मरम्मत का कार्य जोरों पर है। बताया जाता है कि साल 2019 में तिब्बत के विभिन्न स्तरीय वित्त विभागों ने इस मठ में सांस्कृतिक विरासतों के संरक्षण और मरम्मत के लिए कुल 1.7 करोड़ युआन का अनुदान किया।
वर्तमान में रामोछे गोन्बा मठ में 300 वर्गमीटर वाले भीति-चित्र का मरम्मत कार्य किया जा रहा है। संबंधित परियोजना का कार्यान्वयन अप्रैल के शुरु से हुआ। मरम्मत के मुख्य कार्यों में प्राकृतिक कटाव और मानव कारक से नष्ट हुए भीति-चित्र का जीर्णोद्धार करना, भीति-चित्र को साफ़ करना आदि शामिल हैं।
जानकारी के मुताबिक, रामोछे गोन्बा मठ की स्थापना थांग राजवंश (618—907) में हुई, जो राष्ट्र स्तरीय अहम सांस्कृतिक विरासत की संरक्षण सूची में एक है। बताया गया है कि इस बार भीति-चित्र की मरम्मत के लिए करीब 60 लाख युआन की राशि अनुदान की गई, संबंधित परियोजना का कार्यान्वयन एक साल में पूरा होगा।
अब तक, तिब्बत में सांस्कृतिक विरासत की संरक्षण परियोजना में 40 करोड़ युआन का निवेश किया जा चुका है। 21 परियोजनाओं का कार्यान्वयन पूरा हो गया, अन्य 16 परियोजनाओं का कार्यान्वयन किया जा रहा है।
(श्याओ थांग)।