उत्तर प्रदेश पार्टी अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू की गिरफ्तारी और उसके नेताओं के खिलाफ मामले दर्ज करने से नाराज कांग्रेस ने प्रदेश सरकार को चेतावनी देते हुए कहा है कि यह मनमानी बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
कांग्रेस कार्यसमिति के सदस्य जितिन प्रसाद ने आईएएनएस से बात करते हुए आरोप लगाया कि सरकार लॉकडाउन का दुरुपयोग कर रही है, क्योंकि विपक्षी दल इस समय एकत्रित होकर आंदोलन नहीं कर सकते। प्रसाद ने कहा कि जैसे ही राष्ट्रव्यापी बंद समाप्त हो जाएगा, कांग्रेस और उसके कार्यकर्ता कोई कसर नहीं छोड़ेंगे।
दरअसल कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने प्रवासी मजदूरों को लाने के लिए प्रदेश सरकार से एक हजार बसों को चलाने की अनुमति मांगी थी। प्रदेश सरकार ने इसकी अनुमति दे दी थी। इसके बाद यह फतेहपुर सीकरी के चौमा शाहपुर में उप्र और राजस्थान बार्डर पर खड़ी रहीं थी। इसके बाद लल्लू अन्य कई नेताओं के साथ यहां पहुंचे और बसों को उत्तर प्रदेश की सीमा में प्रवेश की मांग करने लगे। करीब तीन घंटे तक अनुमति नहीं मिलने पर वह धरने पर बैठ गए थे। इसके बाद पुलिस ने कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष समेत पांच को हिरासत में ले लिया था और बाद में लल्लू को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया।
इसके बाद अब राज्य सरकार द्वारा कांग्रेस आमने-सामने आ गए हैं।
उत्तर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू को बुधवार देर रात आगरा से लखनऊ लाया गया और एक मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया गया। उन्हें सिविल अस्पताल में मेडिकल परीक्षण के लिए ले जाया गया और फिर अस्थायी जेल ले जाया गया।
उन्हें धोखाधड़ी और जालसाजी के एक मामले में गिरफ्तार किया गया है, जो प्रवासी श्रमिकों को लाने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार को कांग्रेस द्वारा प्रस्तुत बसों की सूची में घपले से संबंधित है।
बुधवार को आगरा में अदालत द्वारा एक अन्य मामले में जमानत दिए जाने के तुरंत बाद लल्लू को गिरफ्तार कर लिया गया था। राज्य में बसों की आवाजाही की अनुमति देने से इनकार करने के विरोध में उन्हें मंगलवार को आगरा में गिरफ्तार किया गया था। बता दें कि लल्लू के खिलाफ लॉकडाउन उल्लंघन व महामारी एक्ट भी लगाया गया है।
इस बीच लखनऊ में अपने मेडिकल परीक्षण के दौरान पत्रकारों से बात करते हुए लल्लू ने कहा, ऐसे मामले और जेल की सजा एक राजनीतिक कार्यकर्ता के लिए एक इनाम है। सरकार मुझ पर मामले दर्ज कर सकती है और मुझे जेल में रख सकती है, लेकिन उन्हें प्रवासी श्रमिकों को तत्काल राहत प्रदान करनी चाहिए।