दिल्ली सहित राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र(एनसीआर) में पिछले डेढ़ महीने में 11 बार भूकंप के झटके लग चुके हैं। दिल्ली-एनसीआर में बुधवार को भी कम तीव्रता के झटके महसूस किए गए। भूकंप का केंद्र दक्षिण पूर्व नोएडा रहा। राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र के अनुसार, भूकंप की तीव्रता रिक्टर पैमाने पर 3.2 मापी गई।
लगातार आ रहे भूकंप के पीछे विशेषज्ञों का मानना है कि आने वाले वक्त में यह एनसीआर के लिए बड़े खतरे का संकेत है। लोगों को सतर्क रहने की जरूरत है। बताया जा रहा है कि दिल्ली-एनसीआर में धरती के अंदर प्लेटों के एक्टिव होने से ऊर्जा निकल रही है, जिससे रह-रहकर झटके महसूस हो रहे हैं।
राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र(एनसीएस) के मुताबिक, दिल्ली-एनसीआर में 12, 13 और 16 अप्रैल को भूकंप के झटके लग चुके हैं। इसी तरह मई में भी भूकंप के झटकों के लगने का सिलसिला जारी रहा। 6, 10, 15 मई और 28 मई को दिल्ली-फरीदाबाद एनसीआर में झटके लगे। इसके बाद 29 मई को दो बार झटके लगे, जिसका केंद्र रोहतक रहा। राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र के मुताबिक इस अवधि में राजस्थान में एक, उत्तराखंड में चार और हिमाचल प्रदेश में भी छह बार भूकंप के झटके लगे। हालांकि गनीमत रही कि ये झटकों की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 2.2 से लेकर 4.5 तक रही। इससे अधिक तीव्रता के झटके लगने पर नुकसान की आशंका रहती है।
बता दें कि भूकंप के लिहाज से 4 सिस्मिक जोन(2,3,4,5) में देश बंटा है। दिल्ली-एनसीआर जोन 4 में आता है। यह तबाही के मामले में दूसरे नंबर का जोन है। इस जोन में रिक्टर पैमाने पर सात से आठ तीव्रता का भूकंप आने की आशंका रहती है। दिल्ली-एनसीआर भूकंप के लिहाज से प्रबल खतरे वाले जोन हैं।