राज्यसभा चुनाव को लेकर झारखंड में राजनीतिक सरगरमी तेज हो गई है। झारखंड में दो राज्यसभा सीटों के लिए भाजपा और सत्ताधारी झामुमो के बीच रस्साकसी जारी है। भाजपा राज्यसभा चुनाव में कोई जोखिम मोल लेना नही चाहती है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन मंगलवार को आजसू सुप्रीमो सुदेश कुमार महतो से समर्थन मांगने उनके आवास पर पहुंचे थे, जिसके बाद राज्यसभा के लिए समीकरण बदलने के संकेत मिलने लगे थे। इस बदलते समीकरण पर भाजपा हाईकमान सजग हो गया।
भाजपा हाईकमान के निर्देश पर भाजपा विधायक दल की बैठक के बजाए राजग विधायक दल की रांची में बैठक बुलाई गई। बैठक में भाजपा प्रभारी ओम माथुर और पार्टी महासचिव अरुण सिंह भी शामिल हुए। बैठक में वरिष्ठ भाजपा नेता बाबू लाल मरांडी, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश, राज्य भाजपा के सभी वरिष्ठ नेताओं के साथ ही आजसू सुप्रीमो सुदेश महतो भी पहुंचे। बैठक में साझा रूप से राज्यसभा चुनाव की रणनीति को अंतिम रूप दिया गया।
सूत्रों के मुताबिक, एक बार फिर आजसू ने भाजपा प्रत्याशी को समर्थन देने का भरोसा दिया है।
राजग की बैठक के बाद झारखंड भाजपा के एक वरिष्ठ नेता ने बताया कि फिलहाल भाजपा के पास राज्यसभा चुनाव में जीत के लिए जरूरी 27 वोट हैं। भाजपा के 25 विधायक हैं, बाबूलाल मरांडी के पार्टी में शामिल होने और सरयू राय के समर्थन से यह संख्या 27 हो गई है। अब आजसू के दोनों विधायकों का भी समर्थन मिल रहा है। लिहाजा भाजपा प्रत्याशी की जीत और भी पक्की हो गई है।
गौरतलब है कि राज्यसभा चुनाव के लिए राज्य में शह मात का खेल जारी है। इसी रणनीति के तहत मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने आजसू को पुराने सबंधों का हवाला देते हुए रिझाने की कोशिश की और झामुमो नेता और प्रत्याशी शिबू सोरेन के लिए समर्थन मांगा। इस पर भाजपा ने रणनीति बदलते हुए राजग की बैठक बुला ली। बैठक में आजसू प्रमुख सुदेश महतो, विधायक चंद्रप्रकाश चौधरी और डॉ. लंबोदर महतो को भी आमंत्रित कर दिया।