रियो ओलंपिक की कांस्य पदक विजेता भारतीय महिला पहलवान साक्षी मलिक ने बुधवार को कहा कि जब वह बड़ी हो रही थीं तो ओलंपिक के बारे में ज्यादा नहीं जानती थीं। साक्षी ने ई-पाठशाला में कुश्ती के सत्र के दौरान कहा, ” मैं बचपन से ही यह खेल रही हूं लेकिन मैं ओलंपिक, राष्ट्रमंडल खेल और एशियाई खेलों के बारे में ज्यादा नहीं जानती थी। कुश्ती में आने और जूनियर स्तर पर पदक जीतने के बाद इन प्रतियोगिताओं में मेरी दिलचस्पी जागी।”
उन्होंने कहा, ” बाद में सुशील कुमार और योगेश्वर दत्त ने ओलंपिक सहित बड़ी प्रतियोगिताओं में पदक जीतने शुरू किये जिससे मुझे बहुत प्रेरणा मिली।”
साक्षी ने ओलंपिक में कांस्य पदक जीतने के क्षण को याद करते हुए कहा, “जब मैं कांस्य पदक मैच में पहुंची तो मैं इसे नहीं गंवाना चाहती थी। मेरे कोच (कुलदीप मलिक) कह रहे थे कि तुम अपनी प्रतिद्वंद्वी से बेहतर हो। यह कड़ा मुकाबला था। मैं शब्दों में बयां नहीं कर सकती कि जीत के बाद मुझे कैसा महसूस हो रहा था। मुझे समझ में नहीं आ रहा था कि हंसना है, मुस्कराना है या रोना है।”
उन्होंने अपने ओलंपिक पदक के महत्व पर बात करते हुए कहा, ” मेरे कोच ने बताया कि इस पदक के बाद मेरी जिंदगी बदल जाएगी लेकिन इसकी यादें हमेशा मेरे साथ रहेंगी। ओलंपिक में कांस्य पदक जीतने के बाद देशवासियों से जो मुझे प्यार मिला, उससे मैं बहुत खुश हूं।”