चीन कोरोना वायरस पर बांग्लादेश को चार विशिष्ट रिपोर्ट सौंपेगा। इसमें बताया जाएगा कि बांग्लादेश कैसे कोरोना वायरस से बेहतर तरीके से निपट सकता है।
यह रिपोर्ट ढाका में चीनी दूतावास के माध्यम से बांग्लादेश के स्वास्थ्य मंत्रालय को एक सप्ताह के भीतर सौंपी जाएगी। चीन सरकार द्वारा भेजी गई चीनी चिकित्सा विशेषज्ञों की टीम ने कोविड-19 से निपटने के अध्ययन को पूरा करते हुए सोमवार को बांग्लादेश में अपने दो सप्ताह के दौरे का समापन किया। यह टीम रिपोर्ट तैयार कर रही है।
ढाका में चीनी दूतावास में काउंसलर व डिप्टी चीफ ऑफ मिशन हुआलॉन्ग यान ने कहा, “बांग्लादेश एक करीबी पड़ोसी और रणनीतिक साझेदार के रूप में चीन से वैक्सीन प्राप्त करने वाले पहले देशों में से होगा।”
उनकी यह टिप्पणी चीन के इस बयान के कुछ ही घंटे बाद आई जिसमें कहा गया है कि चाइनीज एकेडमी ऑफ मेडिकल साइंसेज के एक संस्थान ने एक संभावित कोरोनावायरस वैक्सीन का दूसरा चरण शुरू किया है जिसका उद्देश्य वैक्सीन की खुराक को तय करना और इसकी प्रभावशीलता व सुरक्षा का मूल्यांकन करना है।
चीन सरकार द्वारा भेजी गई चिकित्सा विशेषज्ञ टीम आठ जून को कोविड-19 महामारी के खिलाफ लड़ाई में मदद करने के लिए बांग्लादेश पहुंची। बांग्लादेश में कोरोना के प्रकोप के बढ़ने के बीच राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने 20 मई को बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना के साथ फोन पर बातचीत की थी। वार्ता के दौरान, कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में शी ने हसीना को बांग्लादेश की मदद के बारे में आश्वस्त किया।
ढाका में चीनी दूतावास के अधिकारियों के अनुसार, राष्ट्रीय स्वास्थ्य आयोग द्वारा टीम का गठन किया गया और हैनान प्रांतीय स्वास्थ्य आयोग द्वारा चयनित 10 श्वसन चिकित्सकों को इसमें शामिल किया गया।
बांग्लादेश में अपने दो सप्ताह के प्रवास में इन विशेषज्ञों ने कोरोना नामित अस्पतालों, क्वारंटाइन केंद्रों और परीक्षण केंद्रों का दौरा किया, बांग्लादेशी समकक्षों के साथ महामारी पर चर्चा की और रोकथाम व उपचार के लिए प्रस्ताव बनाए। चीन के चिकित्सा विशेषज्ञों की यह टीम चिकित्सा उपकरणों के साथ बांग्लादेश आई थी। इनके पास कोरोना वायरस रोगियों के इलाज का अच्छा अनुभव है।
उन्होंने बांग्लादेश में समस्याओं में से एक के रूप में सार्वजनिक जागरूकता की कमी की पहचान की। ढाका में चीनी दूतावास में डीसीएम हुआलॉन्ग यान, जो सभी बैठकों के दौरान टीम के साथ रहे, ने कहा कि यह कहना मुश्किल है कि बांग्लादेश में अभी कोरोना का चरम आया है या नहीं। यान ने कहा कि शोधकर्ता केवल यह कह सकते हैं कि दुनिया में वायरस कब तक रहेगा। उन्होंने कहा कि द्विपक्षीय और बहुपक्षीय सहयोग बहुत महत्वपूर्ण है। एक देश अकेले इस समस्या को हल नहीं कर सकता है।
यान ने कहा कि टीम ने पाया कि बांग्लादेश की स्थिति चीन से पूरी तरह से अलग है और टीम ने ऐसे तरीके सुझाए जो बांग्लादेश की स्थिति के अनुकूल हों। दो सप्ताह की बातचीत के दौरान, बांग्लादेशी पक्ष ने अपनी वर्तमान चुनौतियों पर प्रकाश डाला और विशेषज्ञों ने उन्हें महामारी की रोकथाम के तरीके और वुहान और चीन के अन्य हिस्सों में कोरोना रोगियों के सफल उपचार के अनुभव बताए।