केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को शिशु ऋण के योग्य लाभार्थियों को प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के तहत 12 महीने की अवधि के लिए ब्याज में दो फीसदी की छूट प्रदान करने का फैसला लिया है। इससे छोटे व्यवसायों को राहत मिलेगी। कोरोनावायरस महामारी और राष्ट्रव्यापी बंद की वजह से छोटे उद्यमों पर काफी असर पड़ा है, जिसे देखते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मई में घोषणा की थी कि सरकार कर्जदारों को राहत प्रदान करने के लिए ब्याज में छूट प्रदान करेगी।
मुद्रा ऋण को ‘शिशु’, ‘किशोर’ और ‘तरुण’ नाम से तीन वर्गों में बांटा गया है। शिशु श्रेणी के तहत 50,000 रुपये तक के ऋण शामिल हैं। वहीं किशोर ऋण के तहत, एक आवेदक 50,000 रुपये से लेकर पांच लाख रुपये तक ऋण प्राप्त कर सकता है। इसके अलावा तरुण ऋण के तहत एक आवेदक पांच लाख से 10 लाख रुपये तक का ऋण प्राप्त कर सकता है।
सरकार ने 2015-16 के दौरान छोटी कंपनियों के लिए ऋण की बेहतर पहुंच सुनिश्चित करने, उद्यमशीलता को बढ़ावा देने और वित्तीय समावेशन को बढ़ावा देने के लिए योजना शुरू की थी।