अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने हाल में अनुमान लगाया कि वैश्विक अर्थतंत्र में साल 2020 में 4.9 प्रतिशत की गिरावट आएगी। गत अप्रैल में उसने 3 प्रतिशत की कटौती का अनुमान लगाया था। आईएमएफ ने कहा कि चीन साल 2020 में वृद्धि को बनाए रखने वाला एक मात्र प्रमुख आर्थिक समुदाय होगा।
आईएमएफ के मुताबिक, साल 2021 में वैश्विक अर्थतंत्र 5.4 प्रतिशत तक की वृद्धि बहाल होगी। मौजूदा महामारी की संकट गत शताब्दी के 30 के दशक में आर्थिक मंदी के बाद से लेकर अब तक सबसे गंभीर संकट के रूप में परिभाषित किया गया।
आईएमएफ की मुख्य अर्थशास्त्री गीता गोपीनाथ ने वाशिंगटन में चाइना मीडिया ग्रुप के संवाददाता को दिए एक खास इन्टरव्यू में कहा कि नव पूर्वार्ध आर्थिक सूचकांक जारी किया गया, जिससे पता चला है कि लम्बे समय में आर्थिक रुकावट से इस वर्ष के पूर्वार्ध में अर्थतंत्र पर बहुत गंभीर प्रभाव पड़ा। साल के उत्तरार्ध में अगर कोई उचित तरीका नहीं उठाया गया, तो सोशल दूरी को बनाए रखने का समय और लम्बा होगा। यह आर्थिक विकास के अनुमान को कम करने के पीछे का कारण है।
गीता गोपीनाथ के मुताबिक, चीन इस वर्ष आर्थिक विकास को बनाए रखने वाले प्रमुख आर्थिक समुदायों में एक मात्र देश होगा। लेकिन चीन की आर्थिक वृद्धि का अनुमान भी थोड़े कम किया गया। अप्रैल में चीन की आर्थिक वृद्धि को लेकर 1.2 प्रतिशत का अनुमान लगाया गया था, अब इसे 1.0 फीसदी तक कम किया गया। कारण है कि व्यक्तिगत उपभोग व्यय की धीमी वृद्धि हो रही है। लेकिन, निवेश और सेवा क्षेत्र में अच्छी खबर मिली है, इस तरह चीन के आर्थिक विकास पर लगाए गए अनुमान में थोड़ा कम परिवर्तन किया गया। निर्यात की दृष्टि से देखा जाए, तो वैश्विक अनुमान की कमी से चीनी अर्थतंत्र भी प्रभावित होगा।
अंतरराष्ट्रीय सहयोग में चीन की भूमिका की चर्चा करते हुए गीता गोपीनाथ ने कहा कि चिकित्सा संस्थापनों के क्षेत्र में चीन मौजूदा संकट के दौरान प्रमुख चिकित्सा वस्तुओं का प्रमुख निर्यातित देश है। यह बहुत महत्वपूर्ण बात है। दूसरी तरफ इस वर्ष और अगले वर्ष में चीनी आर्थिक विकास की बहाली और जबरदस्त वृद्धि से वैश्विक अर्थतंत्र को भी लाभ मिलेगा। विश्व अर्थव्यवस्था में चीन के अनुपात को देखा जाए, तो चीन बहुत महत्वपूर्ण है।
गीता गोपीनाथ ने यह भी कहा कि वैश्विक सहयोग के क्षेत्र में व्यापारिक दबाव मौजूद है, उम्मीद है कि इसका अच्छी तरह से समाधान किया जाएगा। वर्तमान में ज्यादा बेहतर भूमंडलीकरण और बहुपक्षवाद की आवश्यकता है, चीन इस पहलू में अहम भूमिका निभा रहा है।