कोरोनावायरस महामारी के परिणामस्वरुप ऑस्ट्रिया को द्वितीय विश्व युद्ध के बाद सबसे गहरी आर्थिक मंदी का सामना करना पड़ रहा है। ऑस्ट्रियन इंस्टीट्यूट ऑफ ईकोनॉमिक रिसर्च (डब्ल्यूआईएफओ) ने शुक्रवार को कहा कि साल 2008-2009 के वित्तीय व आर्थिक संकट के बाद साल 2020 में देश के औद्योगिक उत्पादन में गिरावट की दर काफी अधिक होगी। डब्ल्यूआईएफओ ने इसी के साथ यह भी बताया कि यह अनिश्चितकालीन है क्योंकि क्या पता संक्रमण के एक और स्तर का भी हमें सामना करना पड़ सकता है।
समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के मुताबिक, विएना स्थित इंस्टीट्यूट फॉर एडवांस्ड स्टडीज (आईएचएस) ने साल 2020 की पहली छमाही में ऑस्ट्रिया की जीडीपी में 9.5 प्रतिशत की सालाना गिरावट का अनुमान लगाया है।
दोनों ही संस्थानों ने कहा कि यह आर्थिक मंदी श्रम बाजार के लिए विनाशकारी साबित होगी।
डब्ल्यूआईएफओ ने कहा, ऑस्ट्रिया में रोजगार की दर में लंबे समय से हो रहे सुधार में मार्च में ही अचानक से रोक लग गई और तब से बेरोजगारी की दर में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। संस्थान ने इस बात की भी उम्मीद जताई कि 2020 में रोजगार दर में 2.1 प्रतिशत की गिरावट हो सकती है, जबकि आईएचएस का कहना है कि रोजगार में 2.5 प्रतिशत के गिरावट होने की उम्मीद है।
डब्ल्यूआईएफओ ने कहा कि वैश्विक मंदी के कारण ऑस्ट्रिया के निर्यात में इस वर्ष 14.8 प्रतिशत की कमी आ रही है, जबकि अकेले माल के निर्यात में ही 13.5 प्रतिशत की गिरावट है।
आईएचएस ने इस साल कुल निर्यात में 11.3 प्रतिशत की गिरावट होने का अनुमान लगाया है।
दोनों ही आर्थिक पूर्वानुमान में इस बात की उम्मीद जताई गई है कि वायरस के संक्रमण की दूसरी लहर का सामना इस पतझड़ में ऑस्ट्रिया को नहीं करना पड़ेगा।
ऑस्ट्रिया में अब तक 698 मौतों के साथ कोविड-19 के 17,522 मामलों की पुष्टि हुई है।