जब चीन में कोरोना वायरस महामारी का प्रकोप चरम पर था तब अमेरिका जैसे देश चीन पर तथ्यों को छिपाने का आरोप लगा रहे थे। लेकिन अब चीन में स्थिति लगभग सामान्य है और अमेरिका बेहाल है। वहां करीब 25 लाख नागरिक वायरस से संक्रमित हो चुके हैं, जबकि मौत का आंकड़ा लगातार बढ़ता जा रहा है।
अब खुद अमेरिका के भीतर से आवाजें उठनी शुरू हो गयी हैं कि वहां संक्रमण के मामलों को छिपाया जा रहा है। वैसे आधिकारिक रूप से अमेरिका में लगभग एक लाख 27 हजार मरीजों की मौत हो चुकी है।
कुछ विशेषज्ञों का दावा है कि अमेरिका में लगभग 2 करोड़ लोग कोरोना वायरस की चपेट में आ चुके हैं। जो कि आधिकारिक आंकड़ों से लगभग दस गुना ज्यादा है। इससे यह भी पता चलता है कि बड़ी संख्या में लोग वायरस के लक्षण के बिना ही बीमार हुए होंगे।
अधिकारियों का कहना है कि संक्रमण के मामले बहुत ज्यादा होने का अनुमान एंटीबॉडी परीक्षण की उपस्थिति पर आधारित है, जो एंटीबॉडी की उपस्थिति को निर्धारित करने के लिए उपयोग किया जाता है। इस तरह यह साफ हो जाता है कि अमेरिका में जो संख्या ट्रंप सरकार द्वारा जारी की जा रही है, उसमें सच्चाई नहीं है। लेकिन अमेरिका के तमाम नेता नवंबर में होने वाले चुनावों को लेकर व्यस्त हैं, वे मतदाताओं को रिझाने के लिए नए-नए तर्क दे रहे हैं।
यह भी बताना जरूरी है कि चीन पर बार-बार आरोप लगाने वाला ट्रंप प्रशासन अपने देश में बढ़ रहे संक्रमण के मामलों की जिम्मेदारी नहीं लेना चाहता है। यहां तक कि वायरस को वूहान वायरस या लैब से निकला वायरस बताया जा रहा है। जबकि वैज्ञानिक साफ तौर पर कह चुके हैं कि इसकी पुष्टि नहीं की जा सकती है।
ऐसे में अब समय आ चुका है कि अमेरिकी नेता अपने देश में कोरोना वायरस के तेजी से फैलने और नियंत्रण न कर पाने की नाकामी को स्वीकार करें।