केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने शनिवार को कहा कि 10 हजार नए कृषक उत्पादक संगठनों (एफपीओ) बनने से देश में विकास के नए मार्ग खुलेंगे। उन्होंने कहा कि देश के 60 प्रतिशत किसानों के पास जोत का आकार छोटा है और वे छोटे व सीमांत किसान हैं, जो इन एफपीओ के माध्यम से ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाएंगे, जिनसे न सिर्फ कृषि की प्रगति में सहायता मिलेगी, बल्कि देश में विकास के नए मार्ग भी खुलेंगे।
तोमर ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये लघु उद्योग भारती और सहकार भारती की एक बैठक को संबोधित किया जिसमें कृषि एवं किसान कल्याण राज्यमंत्री पुरुषोत्तम रूपाला और कैलाश चैधरी तथा केंद्रीय जल संसाधन राज्यमंत्री अर्जुन मेघवाल भी मौजूद थे।
केंद्रीय मंत्री तोमर ने कहा कि शुरुआत में एफपीओ में सदस्यों की न्यूनतम संख्या तराई क्षेत्र में 300 और उत्तर-पूर्व व पहाड़ी क्षेत्रों में 100 रहेगी।
उन्होंने कहा कि छोटे, सीमांत व भूमिहीन किसानों के लिए गठित होने वाले एफपीओ के माध्यम से कृषि क्षेत्र की विभिन्न चुनौतियों से प्रभावी ढंग से निपटा जा सकेगा और किसान ज्यादा सशक्त होंगे।
उन्होंने कहा कि एफपीओ की गतिविधियों का इस तरह प्रबंधन किया जाएगा, जिससे सदस्यों को तकनीक जानकारियां, वित्त व उपज के लिए अच्छा बाजार व बेहतर कीमत मिल सके। तोमर ने कहा, “इससे वर्ष 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सपने को साकार किया जा सकेगा। एफपीओ से उत्पादन लागत और विपणन लागत कम करने में मदद मिलेगी, साथ ही यह योजना कृषि व बागवानी क्षेत्र में उत्पादकता में सुधार लाने में भी सहायक होगी।”
उन्होंने कहा कि देश में प्रसंस्करण क्षेत्र में भी सुधार होगा और किसानों की आय बढ़ने के साथ-साथ ग्रामीण अर्थव्यवस्था में व्यापक सुधार होगा व रोजगार के अवसर भी पैदा होंगे।
तोमर ने कहा कि बजट 2020-21 में मूल्य संवर्धन, विपणन व निर्यात को बढ़ावा देने के लिए ‘एक जिला-एक उत्पाद’ की रणनीति के माध्यम से बागवानी उत्पादों के लिए क्लस्टर आधारित रणनीति को अपनाने का भी प्रस्ताव है।